पटना/नई दिल्ली।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब आज यानी सोमवार को नई दिल्ली में बड़ी घोषणा की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि आज शाम 4 बजे होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तारीखों का औपचारिक एलान हो जाएगा।
इस बार का चुनाव दो चरणों में कराए जाने के प्रबल आसार हैं, जबकि पिछली बार यानी वर्ष 2020 में चुनाव तीन चरणों में आयोजित हुआ था।
क्यों दो चरणों में होने की चर्चा है बिहार चुनाव की?
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव आम तौर पर पांच से छह चरणों में होते रहे हैं। वर्ष 2010 में यह छह चरणों में, 2015 में पांच चरणों में, और 2020 में तीन चरणों में कराए गए थे।
लेकिन इस बार कई वजहों से निर्वाचन आयोग दो चरणों में चुनाव कराने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
सबसे प्रमुख वजह यह है कि इस साल त्योहारों का महीना नवंबर है। अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर के अंतिम सप्ताह तक बिहार में दुर्गा पूजा, दीपावली और लोक आस्था का महापर्व छठ जैसे बड़े त्योहार पड़ रहे हैं। ऐसे में आयोग के पास मतदान कराने के लिए बहुत सीमित समय बचा है।
त्योहारों और संवैधानिक समयसीमा का दबाव
सूत्रों के अनुसार, आयोग के पास 22 नवंबर से पहले बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करने की बाध्यता है।
संविधान के तहत विधानसभा का कार्यकाल नवंबर के तीसरे सप्ताह में पूरा हो रहा है, इसलिए 27 या 28 नवंबर तक मतदान संपन्न कराना जरूरी है।
इसी बीच छठ पर्व के कारण अक्टूबर के अंत और नवंबर की शुरुआत में मतदान संभव नहीं माना जा रहा। यही कारण है कि आयोग ने दो चरणों में चुनाव कराने का विकल्प सबसे व्यावहारिक माना है।
राजनीतिक दलों की राय पर क्या है आयोग का रुख?
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चुनाव की तारीखों पर टिप्पणी करने से परहेज किया।
उन्होंने बताया कि आयोग ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से राय ली है।
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राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और विपक्षी दलों ने आयोग से दो चरणों में चुनाव कराने की अपील की है।
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वहीं, सत्ताधारी भाजपा और जदयू ने एक चरण में मतदान कराने का सुझाव दिया था।
हालांकि, आयोग ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अब अपने स्तर पर व्यावहारिक निर्णय लेने की तैयारी कर ली है।
निर्वाचन आयोग की तैयारी अब अंतिम चरण में
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दो दिनों के बिहार दौरे के बाद रविवार शाम दिल्ली लौट चुके हैं।
उनके साथ आयोग की पूरी टीम ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों तक से रिपोर्ट ली।
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य पूरा हो चुका है और नई मतदाता सूची भी जारी कर दी गई है।
आयोग के संकेतों के मुताबिक, 7 अक्टूबर के बाद चुनाव अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
इस बार का मतदान अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के तीसरे सप्ताह के बीच कराया जा सकता है।
पिछले चुनावों की तारीखों पर एक नजर
| वर्ष | अधिसूचना की तारीख | अंतिम चरण का मतदान |
|---|---|---|
| 2010 | 27 सितंबर | 20 नवंबर (6 चरण) |
| 2015 | 16 सितंबर | 5 नवंबर (5 चरण) |
| 2020 | 1 अक्टूबर | 7 नवंबर (3 चरण) |
इस बार यह रिकॉर्ड तोड़कर दो चरणों में सिमट सकता है — जो बिहार चुनाव इतिहास में एक नई मिसाल होगी।
243 सीटों पर होगी चुनावी जंग
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए इस बार भी चुनाव होंगे।
हर सीट पर राजनीतिक दलों की रणनीति और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है।
राज्य में महागठबंधन बनाम एनडीए की टक्कर इस बार भी रोचक रहने वाली है।
निष्कर्ष: आज होगा बिहार की राजनीति का बड़ा दिन
बिहार चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान आज शाम दिल्ली से होने की पूरी संभावना है।
चुनाव आयोग की तैयारी और राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए, इस बार का चुनाव न केवल कम चरणों में तेज गति से, बल्कि त्योहारों और संवैधानिक समयसीमा के बीच सबसे चुनौतीपूर्ण होने वाला है।
📅 संभावित तारीखें (अनौपचारिक अनुमान):
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पहला चरण: नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह
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दूसरा चरण: नवंबर के तीसरे सप्ताह
अब सभी की निगाहें आज शाम 4 बजे दिल्ली में होने वाली भारत निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जहां से बिहार चुनाव 2025 की औपचारिक रूपरेखा सामने आने की उम्मीद है।
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