लखनऊ/पटना, 9 अक्टूबर 2025:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच चुनाव आयोग (ECI) ने एक ऐतिहासिक और सख्त कदम उठाया है। आयोग ने आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct – MCC) के दायरे को अब इंटरनेट, सोशल मीडिया और एआई (Artificial Intelligence) आधारित कंटेंट तक विस्तारित कर दिया है। यह फैसला चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
इंटरनेट अब आचार संहिता के दायरे में
आयोग ने अपने 9 अक्टूबर को जारी पत्र में सात बिंदुओं के दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब आदर्श आचार संहिता के नियम इंटरनेट पर प्रसारित सभी राजनीतिक कंटेंट पर भी लागू होंगे। यानी, फेसबुक, X (ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टेलीग्राम, व्हाट्सएप, वेबसाइट और एआई आधारित प्रचार सामग्री—सभी इस बार आयोग की सख्त निगरानी में रहेंगे।
अब तक आचार संहिता का पालन मुख्यतः जमीनी प्रचार-प्रसार, भाषणों, बैनर-पोस्टर और रैलियों तक सीमित था। लेकिन अब डिजिटल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को भी समान रूप से जवाबदेह बनाया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि किसी भी ऑनलाइन उल्लंघन या भ्रामक सामग्री पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
एआई वीडियो और फेक कंटेंट पर सख्ती
पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर एआई तकनीक से बने कई राजनीतिक वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें नेताओं के बयान या चेहरे बदलकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई। हाल ही में कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ एआई वीडियो जारी करने का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था।
इस पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार को एआई का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा। यदि कोई एआई आधारित वीडियो जारी करता है, तो उसे स्पष्ट रूप से “AI निर्मित वीडियो” (AI-generated video) का लेबल देना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, किसी भी झूठे या भ्रामक वीडियो, मीम या पोस्ट को चुनाव प्रचार का हिस्सा बनाने पर कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने कहा है कि यह कदम चुनावी माहौल को “वास्तविक और निष्पक्ष” बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
राजनीतिक आलोचना की मर्यादा तय
आयोग ने राजनीतिक दलों को यह भी याद दिलाया है कि विरोधी दलों की आलोचना करते समय मर्यादा बनाए रखना जरूरी है।
दिशानिर्देशों के अनुसार —
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आलोचना केवल नीतियों, कार्यक्रमों, कार्यों और पिछले रिकॉर्ड तक सीमित रहनी चाहिए।
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किसी भी नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन से जुड़ी बातों या असिद्ध आरोपों को चुनावी प्रचार में शामिल नहीं किया जा सकता।
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किसी भी प्रकार की विकृति, फेक न्यूज या व्यक्तिगत हमलों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
आयोग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि ऐसे किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह व्यक्ति, दल या डिजिटल माध्यम से हो।
सभी चुनावों में लागू होगा नया प्रावधान
आयोग ने कहा कि यह प्रावधान केवल बिहार विधानसभा चुनाव तक सीमित नहीं रहेगा। देश के सभी विधानसभा उपचुनावों और आगामी आम चुनावों में भी यही नियम लागू होंगे। बिहार में विधानसभा चुनावों के साथ ही 8 अन्य विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों की घोषणा के बाद से ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है।
चुनाव आयोग का संदेश: डिजिटल युग में भी ईमानदार चुनाव की गारंटी
चुनाव आयोग के इस कदम को डिजिटल युग की बड़ी जरूरत माना जा रहा है। सोशल मीडिया और इंटरनेट पर बढ़ते प्रचार अभियानों ने चुनावी रणनीतियों को पूरी तरह बदल दिया है। ऐसे में फेक न्यूज, एआई वीडियो, और भ्रामक पोस्ट चुनावी वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने साफ संदेश दिया है कि चाहे जमीन पर प्रचार हो या ऑनलाइन — हर जगह “आचार संहिता का पालन अनिवार्य” रहेगा।
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