पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही सियासी माहौल गर्मा गया है। जहां विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा था कि चुनाव के बाद भाजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दरकिनार कर देगी, वहीं अब भारतीय जनता पार्टी ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। भाजपा ने साफ संदेश देते हुए नया नारा दिया है —
“25 से 30, हमारे दो भाई नरेंद्र और नीतीश।”
इस नारे के साथ भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले पांच वर्षों तक यानी 2025 से 2030 तक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे।
🔸 भाजपा ने फिर जताया विश्वास — ‘नीतीश ही होंगे चेहरा’
2020 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने नीतीश कुमार को “बड़ा भाई” मानते हुए चुनाव लड़ा था। तब जनता दल यूनाइटेड को मात्र 43 सीटें मिलने के बावजूद भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार का ही समर्थन किया था।
इस बार भी विपक्ष के आरोपों के बीच भाजपा ने दोबारा वही संदेश दोहराया है कि एनडीए का चेहरा सिर्फ नीतीश कुमार ही रहेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि “एनडीए में एकजुटता है और चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।”
अब “25 से 30, हमारे दो भाई नरेंद्र और नीतीश” नारे के साथ पार्टी ने इस बात को और पुख्ता कर दिया है।
🔸 सोशल मीडिया पर छाए एनडीए के प्रचार नारे
चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर एनडीए की उपलब्धियों और विकास योजनाओं को लेकर कई नारे वायरल हो गए हैं।
भाजपा ने अपने पोस्ट में लिखा —
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“बिहार में जारी रहेगी विकास की तेज रफ्तार, 14 नवंबर को फिर एक बार एनडीए सरकार।”
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“जनता का विश्वास, फिर से NDA सरकार! बस 38 दिन का है इंतज़ार, थमेगी नहीं विकास की रफ्तार।”
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“बिहार की जनता का मूड, मन-मिजाज सिर्फ एनडीए के साथ! 160 से अधिक सीटों पर जीतकर 14 नवंबर को फिर आ रही प्रचंड बहुमत की सरकार!”
इन नारों के जरिए भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि बिहार में विकास और स्थिरता केवल एनडीए सरकार के साथ संभव है।
🔸 जेपी नड्डा बोले — ‘लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव, जनता देगी NDA को आशीर्वाद’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा —
“भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा आज बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं। चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है। यह देश व प्रदेश को विकास और सुशासन के पथ पर अग्रसर रखने का प्रमुख माध्यम है।”
उन्होंने आगे कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में NDA सरकार जनकल्याण और सुशासन का पर्याय बनी है। यह चुनाव बिहार को विकास के रास्ते पर अनवरत ले जाने, घुसपैठियों से मुक्ति और जंगलराज की वापसी रोकने का चुनाव है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि बिहार की जनता NDA को अपना आशीर्वाद और प्रचंड मतों से समर्थन प्रदान करेगी।”
🔸 विपक्ष के आरोपों पर लगा विराम
विपक्षी दल लंबे समय से यह कहते आ रहे थे कि भाजपा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बदल सकती है। लेकिन अब भाजपा के नए नारे ने इन तमाम कयासों को खत्म कर दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नारा भाजपा-जेडीयू गठबंधन की मजबूती और भरोसे का प्रतीक है, और यह एनडीए के भीतर की समरसता को दिखाने का भी प्रयास है।
🔸 विकास और सुशासन पर टिका एनडीए का फोकस
भाजपा ने अपने प्रचार में इस बार विकास और सुशासन को ही मुख्य एजेंडा बनाया है। पार्टी का दावा है कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी ने बिहार को बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में नई दिशा दी है।
एनडीए नेताओं का कहना है कि बिहार अब “जंगलराज” नहीं बल्कि “विकासराज” की ओर अग्रसर है।
निष्कर्ष:
बिहार में 2025 का चुनाव भले ही मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना रखता हो, लेकिन भाजपा के नए नारे “25 से 30, हमारे दो भाई नरेंद्र और नीतीश” ने सियासी हवा में एक नया संदेश दे दिया है। इससे साफ है कि भाजपा और जेडीयू गठबंधन अभी भी मजबूत है और दोनों दल एक साथ अगले पांच साल के विकास एजेंडे पर जनता से समर्थन मांग रहे हैं।
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