नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूसी सेना के हमलों के बाद अन्तरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति ने बड़ा फैसला किया है. अन्तरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति ने शीतकालीन पैरालंपिक में रूस और बेलारूस के एथलीटों पर बैन लगा दिया है.
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आईपीसी ने 24 घंटे के अंदर अपना फैसला बदला, क्योंकि इससे पहले बुधवार को उसने कहा था कि खेलों में रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ियों के रूप भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें वे अपने देश के नाम और ध्वज का उपयोग नहीं कर सकते थे.
आईपीसी को झेलनी पड़ी थी आलोचना
आईपीसी को इस फैसले के लिये आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद उसे अपना निर्णय बदलना पड़ा. आईपीसी ने यह भी कहा कि स्पष्ट है कि कई खिलाड़ी रूस या बेलारूस के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने से मना कर देंगे, जिससे पैरालिंपिक में मुश्किल स्थिति पैदा हो जाएगी और उससे उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान होगा.
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आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू पर्सन्स ने कहा कि, पिछले 12 घंटों में कई सदस्यों ने हमसे संपर्क किया. उन्होंने कहा कि अगर हम अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते हैं तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
अपना फैसला बदलने के बाद आईपीसी अब फ़ुटबॉल, ट्रैक एवं फील्ड, बास्केटबॉल, हॉकी और अन्य खेलों में शामिल हो गया है, जिन्होंने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इससे पहले बैडमिंटन की विश्व संचालन संस्था (BWF) ने भी मंगलवार को रूस और बेलारूस को अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों से निलंबित कर दिया था. बीडब्ल्यूएफ ने रूस और बेलारूस में पहले ही सभी स्वीकृत टूर्नामेंट रद्द कर दिए थे.
आईओसी ने भी एथलीटों और अधिकारियों पर लगाए बैन
इतना ही नहीं आईओसी ने अंतर्राष्ट्रीय खेल संघों और खेल आयोजनों के आयोजकों से यूक्रेन पर हमलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रूसी और बेलारूसी एथलीटों और अधिकारियों को आमंत्रित करने या उनकी भागीदारी की अनुमति नहीं देने के लिए कहा था. आईओसी ने यह सिफारिश बीजिंग में कल यानी चार मार्च से शुरू होने वाले शीतकालीन पैरालंपिक खेलों के शुरू होने से कुछ दिन पहले कार्यकारी बोर्ड (ईबी) की बैठक के बाद की थी.
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