नई दिल्ली। कोरोना की वजह से भारत की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जिंदगी की जंग हार गईं और दुनिया को अलविदा कह गईं। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। सोशल मीडिया पर फैन्स से लेकर सितारे तक श्रद्धांजलि जाहिर कर रहे हैं। फैन्स लता मंगेशकर के फोटोज और वीडियोज शेयर करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं। बतादें कि भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने अपने करियर में कई भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. आइए आपको उनके करियर के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं.
1942 में शुरू किया था करियर
लता ने 13 साल की उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से अधिक गाने गाए हैं। सात दशक के अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे गाने गाये हैं, जो आज भी लोगों के जेहन में हैं। इनमें ”अजीब दास्तां है ये’ ‘प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘नीला आसमां सो गया’ शामिल है। उन्होंने अपना पहला गाना मराठी फिल्म के लिए रिकॉर्ड किया था. लता मंगेशकर ने अपने करियर में मधुबाला से लेकर प्रियंका चोपड़ा सभी के लिए गाना गाया है. उन्होंने कई बॉलीवुड एक्ट्रेस के लिए अपनी आवाज दी है.
7 दशक के करियर में जीते ये अवॉर्ड्स
लता जी के करियर की शुरुआत अभिनय से हुई थी. पर जैसे मानों किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. मुंबई आकर उन्हें सिंगिंग में हाथ आजमाने का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने सुपरहिट गानों की लंबी लाइन लगा दी. म्यूजिक लवर्स के लिये वो सिर्फ गायिका नहीं, बल्कि देवी थीं. आज भी कई लोग ऐसे हैं, जिनके दिन की शुरुआत उनके गाने सुने बिना नहीं होती. संगीत की दुनिया की शान लता मंगेशकर को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका था. लता मंगेशकर अपनी गायिकी से लगातार ये साबित करती रहीं कि वो एक नहीं, बल्कि कई अवॉर्ड्स की हकदार हैं.
- फिल्मफेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
- राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
- महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
- 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- 1989 में उन्हें फ़िल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ दिया गया।
- 1993 में फिल्मफेयर के ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- 1996 में स्क्रीन के ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- 1997 में ‘राजीव गांधी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- 1999 में पद्मविभूषण, एन.टी.आर. और ज़ी सिने के ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- 2000 में आई. आई. ए. एफ.(आइफ़ा) के ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- 2001 में स्टारडस्ट के ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’, नूरजहांं पुरस्कार, महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2001 में भारत सरकार ने आपकी उपलब्धियों को सम्मान देते हुए देश के सर्वोच्च पुरस्कार “भारत रत्न” से आपको विभूषित किया।
लता के जाने से हर ओर सन्नटा और मातम पसरा है. स्वरा कोकिला ने लोगों पर अपनी आवाज का जादू ऐसे बिखेरा है कि उन्हें कभी चाहकर भी नहीं भूला सकता. वो कहीं भी रहें, लेकिन उनके सदाबहार गाने हमेशा हमें उनकी याद दिलाते रहेंगे.