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बलरामपुर में हृदयविदारक हादसा: छत पर सो रहे दो मासूमों को करैत सांप ने डसा, इलाज के दौरान दोनों की मौत – गांव में पसरा मातम

बलरामपुर। बलरामपुर जनपद के ललिया थाना क्षेत्र के कोड़ी गांव में सोमवार की रात एक हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। घर की छत पर सो रहे दो मासूम बच्चों को जहरीले करैत सांप ने डस लिया। इलाज के दौरान दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है और हर किसी की आंखें नम हैं।

मृत बच्चों की पहचान 8 वर्षीय शुभम और 12 वर्षीय शिवानी के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक शुभम अपनी मां सुशीला के साथ तीन महीने पहले अपने मामा रामशंकर गौतम के घर आया था। सोमवार की रात भोजन के बाद परिवार के सभी सदस्य रोज की तरह छत पर सो गए थे। आधी रात के बाद, करीब ढाई बजे रामशंकर की पत्नी उर्मिला की नींद अचानक खुली। जैसे ही उन्होंने आंखें खोलीं, उन्होंने देखा कि एक करैत सांप शिवानी के गले में लिपटा हुआ है।

उर्मिला के शोर मचाने पर परिवार के अन्य सदस्य और पड़ोसी मौके पर पहुंचे। किसी तरह साहस जुटाकर ग्रामीणों ने करैत सांप को मार डाला, लेकिन तब तक वह शिवानी और शुभम दोनों को डस चुका था। दोनों मासूमों को तुरंत तेज पेट दर्द और उल्टियां होने लगीं। परिवार के लोग उन्हें स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए। हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन देने के बावजूद शुभम ने सुबह करीब साढ़े सात बजे दम तोड़ दिया और कुछ ही देर बाद, करीब आठ बजे, शिवानी ने भी अंतिम सांस ली।

दोनों बच्चों के पिता, शुभम के पिता ईंदल और शिवानी के पिता रामशंकर गौतम, मजदूरी के सिलसिले में परदेस में रहते हैं। जैसे ही घटना की सूचना उन्हें मिली, वे तुरंत घर के लिए रवाना हो गए। गांव में बच्चों के शव पहुंचते ही कोहराम मच गया। महिलाओं की रुलाई, बच्चों की असमय मौत पर परिजनों का विलाप और ग्रामीणों का दुख हर किसी का दिल दहला गया।

गांव में हर गली और हर घर से सिर्फ मासूम बच्चों की मौत की चर्चा सुनाई दे रही थी। लोग शोकाकुल परिवार के घर पहुंचकर उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी के पास उन्हें सांत्वना देने के लिए शब्द नहीं थे। पूरे क्षेत्र में गम का माहौल छा गया।

घटना की सूचना पर नायब तहसीलदार संतोष यादव और राजस्व निरीक्षक सुरेश यादव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया और आश्वासन दिया कि आपदा राहत कोष से मृतक परिवारों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, थानाध्यक्ष सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि घटना के संबंध में आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।

इस हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में रात में छत पर सोने की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस समय गांवों में सांपों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, और सावधानी बरतने की जरूरत है। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे बलरामपुर जिले को झकझोर कर रख दिया है।

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