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चीन के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार एश्ले टेलिस: भारत में जन्मे, अमेरिकी सरकार के शीर्ष सलाहकार, जिनकी कहानी चौंकाती है

64 वर्षीय एश्ले टेलिस—जो कभी भारत-अमेरिका संबंधों की सबसे अहम कड़ी माने जाते थे—अब चीन के लिए जासूसी के आरोपों में फंसे हैं। एफबीआई ने उनके घर से 1000 से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं।


कौन हैं एश्ले टेलिस?

भारत में जन्मे और अब अमेरिकी नागरिक बन चुके एश्ले जे. टेलिस अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा नीति और एशियाई मामलों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। वे अमेरिका की शीर्ष थिंक टैंक संस्था कार्नेगी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में ‘टाटा चेयर’ और वरिष्ठ फेलो के तौर पर कार्यरत हैं।

टेलिस का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक और मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।

2000 के दशक में उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग में सलाहकार के तौर पर काम किया और राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश की प्रशासनिक टीम में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में राष्ट्रपति के विशेष असिस्टेंट और दक्षिण-पश्चिम एशिया मामलों के वरिष्ठ निदेशक रहे।

टेलिस भारत-अमेरिका के बीच हुए ऐतिहासिक नागरिक परमाणु समझौते (India-US Civil Nuclear Deal) के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक थे।


भारत से उनका गहरा संबंध

एश्ले टेलिस का बचपन और शिक्षा भारत में ही बीती। वे एक समय भारत-अमेरिका संबंधों के सबसे प्रभावशाली जानकारों में गिने जाते थे। उन्होंने लंबे समय तक भारत के साथ अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का समर्थन किया।
हालांकि हाल के वर्षों में उनके विचारों में बदलाव देखा गया। उन्होंने भारत की विदेश नीति, खासकर रूस और ईरान के साथ संबंधों को लेकर कई बार सवाल उठाए। वे भारत-अमेरिका संबंधों के कुछ पहलुओं पर भी आलोचनात्मक नजरिया रखने लगे थे।


गंभीर आरोपों से घिरे टेलिस

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एफबीआई (FBI) ने एश्ले टेलिस के खिलाफ गोपनीय दस्तावेज रखने और चीन के अधिकारियों से संपर्क रखने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
11 अक्टूबर को एफबीआई और न्याय विभाग की संयुक्त टीम ने वर्जीनिया के वियना स्थित उनके घर और कार सहित कई ठिकानों पर छापा मारा। इस दौरान 1000 से अधिक अत्यंत गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए — जिनमें अमेरिकी वायुसेना और सैन्य तकनीक से संबंधित सूचनाएं शामिल थीं।

एफबीआई के हलफनामे में कहा गया है कि सितंबर और अक्टूबर 2025 में टेलिस को पेंटागन के “नेट असेसमेंट ऑफिस” के संवेदनशील सूचना केंद्र में प्रवेश करते हुए देखा गया।
वहां उन्हें सैन्य विमानों की क्षमताओं से जुड़े क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स को डाउनलोड और प्रिंट करते हुए कैमरे में कैद किया गया।

हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 25 सितंबर को विदेश विभाग के ‘ClassNet’ सिस्टम (जो गुप्त संचार के लिए प्रयोग होता है) को एक्सेस किया और 1,288 पन्नों वाले रक्षा दस्तावेजों को सेव और रीनेम किया।
10 अक्टूबर को भी वे उसी केंद्र में दस्तावेज लेकर जाते हुए देखे गए।


चीन से संभावित संबंध और जासूसी का शक

एफबीआई का दावा है कि टेलिस ने पिछले कुछ वर्षों में वर्जीनिया के एक रेस्तरां में चीनी अधिकारियों से कई मुलाकातें कीं।
एक मौके पर उन्होंने चीनी प्रतिनिधियों को एक लिफाफा सौंपा, और बदले में दो बार उपहार भी प्राप्त किए।
जांच एजेंसियों को शक है कि टेलिस ने इन बैठकों में संवेदनशील अमेरिकी जानकारी साझा की।


कानूनी कार्रवाई और संभावित सजा

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि यदि टेलिस को अवैध रूप से गोपनीय दस्तावेज रखने और विदेशी ताकत को लाभ पहुंचाने के अपराध में दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें 10 साल तक की जेल और ढाई लाख डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है।
वर्तमान में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


एक समय भारत-अमेरिका साझेदारी के प्रतीक, अब संदेह के घेरे में

एश्ले टेलिस को कभी भारत-अमेरिका संबंधों की बुनियाद रखने वाले रणनीतिक दिमागों में गिना जाता था।
उनकी विशेषज्ञता और प्रभाव के चलते उन्हें वॉशिंगटन के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में शुमार किया जाता था।
लेकिन अब वही व्यक्ति अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जा रहे हैं।

यह मामला न केवल अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों पर भी इसका अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है।


निष्कर्ष

एश्ले टेलिस की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने भारत से शुरू होकर अमेरिका के पावर सर्कल तक का सफर तय किया, लेकिन अब वही सफर उन पर देशद्रोह और जासूसी जैसे गंभीर आरोपों में बदल गया है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या सच सामने आता है—क्या यह केवल एक गलतफहमी है, या फिर वाकई भारत में जन्मे एक अमेरिकी अधिकारी ने चीन के लिए जासूसी की?

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