रिपोर्ट — शशि गुप्ता
लोकेशन — अलीगढ़
अलीगढ़। सरकारी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी के कई मामले समय–समय पर उजागर होते रहते हैं, लेकिन अलीगढ़ जनपद के मडराक क्षेत्र से सामने आया ताज़ा मामला चौंकाने वाला है। यहाँ गाँव शाहपुर निवासी सोमवीर दिवाकर पर आरोप है कि उसने खुद को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का लेक्चरर बताकर दर्जनों युवाओं से लाखों रुपये की ठगी की। इस मामले के खुलासे के साथ ही इलाके में सनसनी फैल गई है। पीड़ितों ने अब इस फर्जीवाड़े की पूरी कहानी पुलिस और प्रशासन के सामने रखनी शुरू कर दी है।
लेक्चरर बनकर करता था ठगी का खेल, AMU में नौकरी लगाने का देता था झूठा वादा
जानकारी के अनुसार आरोपी सोमवीर दिवाकर बेरोजगार युवकों के बीच खुद को AMU का लेक्चरर बताता था। वह दावा करता था कि उसके विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों और कई बड़े राजनीतिक नेताओं से गहरे संबंध हैं। इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए वह युवाओं और उनके परिवारों को सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर मोटी रकम ऐंठ लेता था।
पीड़ितों ने बताया कि सोमवीर लंबे समय से इस तरह की ठगी कर रहा था। कई युवक उसके झांसे में आकर लाखों रुपये दे चुके थे, लेकिन न तो नौकरी मिली और न ही पैसे वापस किए गए। जब लगातार दबाव बढ़ा और धोखाधड़ी का शक पक्का हुआ तो पीड़ितों ने एकजुट होकर मामला उजागर करने का फैसला किया।
“सिर्फ एक-दो नहीं, दर्जनों युवाओं को ठगा” — पीड़ितों का आरोप
पीड़ित परिवारों का कहना है कि सोमवीर किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि दर्जनों नौजवानों को फर्जी नियुक्ति के नाम पर लूट चुका है। कई लोग सामाजिक बदनामी के डर से सामने नहीं आ रहे, लेकिन अब अधिकतर पीड़ित खुलकर सामने आने लगे हैं।
एक पीड़ित ने बताया,
“सोमवीर कहता था कि विश्वविद्यालय में उसकी मजबूत पकड़ है, वह मिनटों में नौकरी लगवा सकता है। इस भरोसे में हमने पैसे दिए, लेकिन बाद में पता चला कि वह पूरी तरह फर्जी निकला।”
पुलिस-प्रशासन से न्याय की मांग, गिरफ्तारी की उठी आवाज
फर्जीवाड़े से परेशान दर्जनों पीड़ित अब पुलिस और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। परिवारों का कहना है कि आरोपी खुलेआम घूम रहा है और अब भी लोगों को ठगने की कोशिश कर रहा है।
पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलकर बड़े पैमाने पर शिकायत दर्ज कराएंगे।
उनका स्पष्ट कहना है—
“हमें न्याय दिलाया जाए, सोमवीर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।”
अधिकारियों के संज्ञान में आया मामला, जांच की तैयारी
स्थानीय पुलिस के अनुसार, पीड़ितों की शिकायतें संज्ञान में आ चुकी हैं और आरोपी के खिलाफ जल्द ही जांच शुरू की जाएगी।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यदि आरोप सही पाए गए तो धोखाधड़ी, जालसाजी और ठगी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा।
नतीजा
सोमवीर दिवाकर द्वारा AMU का फर्जी लेक्चरर बनकर युवाओं से लाखों की ठगी का यह मामला न सिर्फ बेरोजगार युवाओं के साथ धोखे की कहानी बयां करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे फर्जीवाड़े का नेटवर्क लगातार सक्रिय है। अब देखना यह है कि पुलिस की पड़ताल कब तक इस पूरे मामले को निष्कर्ष तक पहुंचाती है और पीड़ितों को न्याय दिला पाती है या नहीं।
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