रभंगा।
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सियासी गर्मी चरम पर है। महागठबंधन लगातार यह सवाल उठा रहा था कि एनडीए आखिर अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा कब करेगा। विपक्षी दलों के बीच चर्चा थी कि भाजपा अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगे नहीं रखना चाहती। लेकिन बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दरभंगा के अलीनगर में आयोजित जनसभा के मंच से इस सवाल का सीधा और स्पष्ट जवाब दे दिया।
अमित शाह ने ऐलान करते हुए कहा—
“बिहार में मुख्यमंत्री की सीट खाली नहीं है। नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे।”
लालू-तेजस्वी और सोनिया-राहुल पर तंज
अमित शाह ने अपनी सभा में महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी की राजनीति सिर्फ परिवारवाद तक सीमित है।
“महागठबंधन में मां और पिता अपने-अपने बेटों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी को बिहार का सीएम बनाना चाहते हैं, वहीं सोनिया गांधी चाहती हैं कि उनका बेटा राहुल प्रधानमंत्री बने। लेकिन मैं उन्हें बता दूं— बिहार में सीएम और देश में पीएम की सीटें खाली नहीं हैं।”
गृह मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। दोनों की कुर्सियां सुरक्षित हैं और जनता का आशीर्वाद उनके साथ है।
भाजपा परिवारवाद नहीं, अवसरवाद की राजनीति करती है: शाह
शाह ने भाजपा को जनता की पार्टी बताते हुए कहा कि केवल भाजपा ही युवाओं और योग्य कार्यकर्ताओं को मौका देती है, परिवारवाद की राजनीति नहीं करती। उन्होंने कहा,
“भाजपा ही वह पार्टी है जो देश के हर कोने से आने वाले कार्यकर्ता को नेतृत्व का अवसर देती है। जबकि कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां परिवार तक सीमित हो गई हैं।”
लालू-राबड़ी और कांग्रेस पर घोटालों के आरोप
अमित शाह ने अपने भाषण में लालू-राबड़ी शासन और कांग्रेस सरकार पर घोटालों के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि लालू सरकार के दौरान चारा घोटाला, लैंड फॉर जॉब और बाढ़ राहत घोटाला जैसे कई भ्रष्टाचार हुए। वहीं, कांग्रेस ने 2004 से 2014 तक करीब 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किए।
शाह ने जनता से अपील की कि वे अब बिहार को फिर से पीछे नहीं जाने दें और एनडीए को दोबारा मजबूत करें।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय: “शाह ने चालाकी से दी सफाई”
अमित शाह के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह बयान नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाने की अटकलों पर विराम लगाने वाला है।
हाल ही में शाह ने कहा था कि “एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा विधायक दल तय करेगा”, जिसके बाद विपक्ष ने इस बयान को भाजपा की अंदरूनी दूरी के रूप में पेश किया था। अब शाह ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए के नेतृत्व में बिहार के सीएम पद के चेहरे हैं।
जनता से की अपील — “मोदी और नीतीश के हाथ करें मजबूत”
सभा के अंत में अमित शाह ने जनता से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए एनडीए सरकार का फिर से बनना जरूरी है।
“आप सबके आशीर्वाद से ही बिहार में विकास का सिलसिला जारी रहेगा। एनडीए प्रत्याशियों को जिताइए और बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाइए।”
निष्कर्ष:
दरभंगा की इस जनसभा ने बिहार की सियासत को एक नया मोड़ दे दिया है। अमित शाह के बयान से साफ संकेत मिल गया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे। साथ ही भाजपा ने विपक्ष के “सीएम चेहरा” वाले सवाल का भी जवाब मजबूती से दे दिया है।
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