बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने-जाने की जिम्मेदारी निर्वाचन कार्यालय की होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्णय के बाद प्रदेशभर में निर्वाचन कार्यालय की टीम तैनात रहेगी। दिव्यांग मतदाताओं के सुगम मतदान के लिए सोमवार को राजधानी के रेडक्राम भवन में राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि चुनाव में दिव्यांग व वृद्ध मतदाताओं को मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। इस वर्ग के मतदाताओं को घर बैठे ही डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने का विकल्प दिया गया है। इसके साथ ही यदि दिव्यांग मतदाता मतदान करने के लिए मतदान केंद्र तक आने के लिए वाहन की सुविधा चाहेंगे तो उन्हें निर्वाचन आयोग की तरफ से सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस सुविधा के लिए ऐसे मतदाताओं को पहले अपना पंजीयन कराना होगा। राज्य स्तरीय संगोष्ठी को कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य स्तरीय मतदाता आइकन चित्रसेन साहू ने यहां अपनी बात रखी व आयोग के प्रयासों को बेहतर बताया।
मतदान केंद्र में मिलेगी यह सुविधा
- मतदान के दिन दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के सहयोग के लिए एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड के स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
- मतदान केंद्र पर मतदान के लिए आने वाले दिव्यांग एवं 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ मतदाताओं को कतार में खड़े न रहना पड़े, इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग पहले करने के लिए प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
- दृष्टिबाधित मतदाताओं के लिए ईवीएम मशीन पर प्रत्याशियों का नाम ब्रेल लिपि में भी मुद्रित कराया जा रहा है।
- मतदान कक्ष में दिव्यांग मतदाताओं की विशेष जरूरतों के संबंध में मतदान कर्मियों को संवेदनशीलता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
- मतदान केंद्र पर स्थापित होने वाले मतदाता सहायता बूथ (वीएबी) की स्थिति की जानकारी दिव्यांग मतदाताओं को देने के लिए संकेतक चस्पा किए जा रहे हैं।
- दिव्यांग मतदाताओं के लिए सक्षम मोबाइल एप भी तैयार किया गया है।