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हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में छह दिन बाद अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा

मई की शुरुआत में हुई वर्षा ने प्रचंड गर्मी से राहत देने के साथ ठंड का भी अहसास कराया, लेकिन अब फिर मौसम का मिजाज गर्म होने लगा है। मेघ बरसने का सिलसिला थमा तो तराई-भाबर क्षेत्र में पारा चढ़ना शुरू हो गया है। हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में छह दिन बाद शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है।दरअसल, अप्रैल में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था, लेकिन मौसम के करवट लेने के साथ हुई वर्षा के चलते पारे में गिरावट होनी शुरू हो गई थी।

बीते दो दिन से खिल रही चटख धूप

29 अप्रैल को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ था, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में मई के शुरुआती दो दिन जमकर वर्षा होने के चलते तापमान में भारी गिरावट हो गई थी। दो मई को हल्द्वानी में अधिकतम तापमान लुढ़ककर 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। वहीं बीते दो दिन से फिर चटख धूप खिल रही है। ऐसे में शुक्रवार को हल्द्वानी क्षेत्र में अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने बताया कि आगामी कुछ दिनों तक तराई-भाबर क्षेत्र में मौसम साफ रहने की संभावना है।

अगले दिनों में गर्मी बढ़ने के आसार

मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में नौ मई तक बारिश होने की संभावना है, जबकि राज्य के शेष स्थानों में मौसम शुष्क रह सकता है। वहीं हल्द्वानी में 11 मई तक तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है।

सरोवर नगरी में उमड़े सैलानी, शाम को फिर वर्षा

सरोवर नगरी में शुक्रवार को सैलानियों की भीड़ रही। तीन दिन लगातार अवकाश के चलते गुरुवार शाम से ही सैलानियों का पहुंचना शुरू हो गया था। शुक्रवार को होटल, सरकारी व गैर सरकारी गेस्ट हाउस के अधिकांश कमरे पैक हो गए। शहर पार्किंग स्थल वाहनों से पट गए। हालांकि रूसी बाईपास व नारायण नगर में वाहनों को रोककर शटल सेवा चलाने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं, दोपहर बाद मूसलधार वर्षा से जगह-जगह जलभराव होने के साथ ही नाले उफान में रहे। झील का जलस्तर भी बढ़ गया। नगर के पर्यटन स्थल स्नोव्यू, हिमालय दर्शन, किलबरी, केव गार्डन, चिड़ियाघर, सरिताताल, वाटर फाल, बाटनिकल गार्डन व हनुमान गढ़ी समेत नगर के सभी पर्यटन स्थलों में पूरे दिन सैलानियों की आवाजाही रही। मालरोड पर भी खासी चहलकदमी रही। नैनी झील में भी नौका विहार करने वाले सैलानियों को तांता लगा रहा। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के पीआरओ रुचिर साह के अनुसार लगातार वर्षा से पर्यटकों की आमद कम हो गई थी। वीकेंड पर फिर से पर्यटकों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।

सड़कें जलमग्न, फिर बढ़ा झील का जलस्तर

एक दिन राहत देने के बाद सरोवर नगरी में फिर से मौसम बिगड़ गया। शाम होते ही आसमान से झमाझम पानी बरसा। नाले उफान पर आ गए और कई सड़कें जलमग्न हो गई। दोपहर तक मौसम सुहावना बना हुआ था। धूप खिली हुई थी। वर्षा होने का जरा भी अंदेशा नहीं था, लेकिन तीन बजे बाद मूसलधार वर्षा होने लगी। सिंचाई विभाग के झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार झील का जल स्तर बढ़कर पांच फुट पार कर गया है। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 16 व न्यूनतम सात डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 90 व न्यूनतम 60 प्रतिशत दर्ज की गई।  

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