Saturday , April 20 2024

दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की हुई पुष्टि, दो दिन से LNJP में है भर्ती

दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है। पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला 32 साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है। उसमें 15 दिन से बुखार और मनकीपॉक्स के लक्षण थे। दो दिन पहले ही उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इससे पहले देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला मिला है। मरीज स्थिर है और ठीक हो रहा है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है। हमने एलएनजेपी में एक अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया है। हमारी सबसे अच्छी टीम दिल्लीवासियों में इस संक्रमण को फैलने से रोकने और उनकी रक्षा करने के लिए काम कर रही है।’ इससे पहले शुक्रवार को मंकीपॉक्स के तीसरे मरीज की पुष्टि हुई थी। 35 साल का शख्स इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात से केरल आया था। इसपर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि मलप्पुरम का मूल निवासी छह जुलाई को केरल आया था। उसका मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। मंत्री ने यह भी बताया था कि जो लोग मरीज के कॉन्टैक्ट में आए थे उनपर कड़ी नजर रखी जा रही है। संक्रमण का संभव है इलाज विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस बहुत तेजी से म्यूटेट (रूप बदलना) होता है लेकिन इस संक्रमण का इलाज हो सकता है। इलाज लक्षणों के साथ बदलता रहता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की शुरुआत बुखार, सिरदर्द और फ्लू से होती है। जैसे ही संक्रमण तेज हो जाता है, शरीर पर लाल घाव दिखाई देने लगते हैं जिनमें चिकनपॉक्स जैसी खुजली होने लगती है। वायरस के इनक्यूबेशन की अवधि पांच से 21 दिनों तक होती है। मंकीपॉक्स हेल्थ इमरजेंसी घोषित विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि 74 देशों में इसका प्रसार होना एक ‘असाधारण’ हालात हैं। मई के बाद से अब तक दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने स्वास्थ्य संगठन की आपात समिति के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। उन्होंने कहा, हम एक ऐसे रोग का सामना कर रहे हैं, जो तेजी से दुनियाभर में फैल गई है। केरल में तीन मामले सामने आ चुके हैं।

Check Also

उत्तराखंड: नैनीताल सीट पर 15 साल में सबसे कम मतदान

नैनीताल सीट पर 61.75 प्रतिशत मतदान हुआ। वर्ष-2019 लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो इस …