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अब पुलिस-जनता को सेहतमंद बनाएंगी राष्ट्रीय आजीविका मिशन की महिलाएं, बाराबंकी के थानों में खुलेंगी प्रेरणा कैंटीन

राष्ट्रीय आजीविका मिशन की महिलाएं अब पुलिस और जनता के लिए खाना, नास्ता और चाय बनाएंगी। यह सभी सामग्री उचित मूल्यों पर मिलेगी। इससे पुलिस सेहतमंद होगी तो वहीं महिलाएं भी स्वावलंबी बनेंगी। इसकी विस्तृत कार्ययोजना सीडीओ एकता सिंह ने बना ली है। सबसे पहले चार थानों में प्रेरणा कैंटीन खोली जाएगी। यदि यह योजना सफल रही तो अन्य थानों पर भी कैंटीन खोली जाएगी।
जिले में सभी ब्लाक, तहसील व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रेरणा कैंटीन के संचालन के बाद अब थानों पर भी कैंटीन खोलने की रूपरेखा बनाई जा रही है। थानों के पास प्रेरणा कैंटीन खुलेगी, जिसका लाभ पुलिस वालों को मिलेगा और आमदनी बढ़ने से समूह की महिलाएं सशक्त होंगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत हैदरगढ़ के तीन थाने हैदरगढ़, लोनीकटरा और सुबेहा में प्रेरणा कैंटीन खोली जाएगी, जबकि एक नगर कोतवाली के पास संचालित होगी। यदि कैंटीन सफल रही तो जिले के सभी 23 थानों पर व्यवस्था लागू होगी। विकास भवन की कैंटीन बनी नजीर : लखपेड़ाबाग में संचालित स्वयं सहायता समूह चेतना की अध्यक्ष आशा सिंह, नीलम, भावना, दीपा, सीमा, मंजू इन दिनों विकास भवन में प्रेरणा कैंटीन चला रही हैं। इससे पहले यह महिलाएं मिठाई का डिब्बा, आचार, पापड़ बनाने का काम करती थीं। अब कैंटीन के साथ ही यह भी काम कर लेती हैं। आशा सिंह बताती हैं कि प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपये की बिक्री हो जाती है। लगभग 50 प्रतिशत बचत होती है। महीन में 50 से 60 हजार रुपये कमा लेती हैं। यहां संचालित हैं प्रेरणा कैंटीन ब्लाक – समूह का नाम
  • बनीकोडर- ममता वैष्णों देवी
  • रामसनेहीघाट- बजरंगबली
  • बंकी -अंबिका
  • देवा -आदर्श
  • दरियाबाद -जय लक्ष्मी
  • फतेहपुर – मालती देवी
  • हरख – शंकर भगवान
  • हैदरगढ़ – श्रीगणेश
  • निंदूरा -गंगा
  • पूरेडलई -श्री हरी
  • सिद्धौर – लक्ष्मी
  • सिरौलीगौसपुर – जन विकास
  • त्रिवेदीगंज – जय दुर्गा
जिले में ब्लाक- 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 17 कोतवाली और थाना- 23 महिला समूह- 13,316 महिला सदस्य- 1,46,476 महिला ग्राम संगठन- 722 समूह कलस्टर – 54 समूह बनाने का लक्ष्य- 7000 रोजगार से जुड़ेंगी महिलाएं- 79,000 प्रेरणा कैंटीन के संचालन के लिए समूह की महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है। अब थानों पर भी प्रेरणा कैंटीन संचालित होगी। पुलिस और लोगों के खाने-पीने की सामग्री आसानी से मिल जाएगी। महिलाओं की आमदनी बढ़ी है।

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