लखनऊ। आज सतीश महाना को यूपी विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है। सतीश महाना का जन्म कानपुर में 14 अक्टूबर 1960 को हुआ । उनके पिता राम अवतार आरएसएस के पदाधिकारी थें। सतीश महाना ने सेंट जोसेफ स्कूल में पढ़ाई करने के बाद फिर कानपुर के क्राइस्टचर्च कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान सतीश महाना भी संघ कार्य में अपने पिता की मदद किया करते थें और तब वह रामजन्म भूमि आंदोलन दौरान बजरंग दल में संयोजक की भूमिका निभा रहे थें। पर कार्यकर्ताओं में बढती लोकप्रियता को देखते हुए 1991 में संघ-भाजपा नेतृत्व ने उन्हें छावनी विधानसभा से पार्टी का टिकट दे दिया।
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यह टिकट एक प्रयोग के तौर पर दिया गया था क्योंकि यह सीट जनसंघ काल से भाजपा तक के सफर में एक ‘रेगिस्तान’ से कम नहीं थी। पर अपने पहले ही चुनाव में सतीश महाना ने चुनाव जीतकर भाजपा को एक बड़ा तोहफा दिया। इसके बाद 1993 के विधानसभा चुनाव में जब प्रदेश में भाजपा की सीटे 221 से घटकर 177 हो गयी। तब भी सतीश महाना ने श्रीप्रकाश जायसवाल जैसे कद्दावर नेता को पटकनी देने का काम किया।
1996 में सतीश महाना ने तीसरी जीत दर्ज की
इसके बाद 1996 में सतीश महाना ने तीसरी जीत दर्ज की। इसका उन्हे ईनाम मिला और 1997 की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री लाल जी टंडन के साथ उन्हें नगर विकास राज्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने 27 अक्टूबर 1997 से 8 मार्च 2002 तक आवास और शहरी विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया उनके अच्छे काम के कारण उन्हें आवास राज्य मंत्री का भी पद दिया गया।
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इसके बाद 2002 में जब विधानसभा के चुनाव हुए। तो इस चुनाव मे भाजपा को मात्र 87 सीटे मिली। तब भी सतीश महाना पर छावनी की जनता ने विश्वास व्यक्त करते हुए लगातार चौथी बार चुनाव जिताकर विधानसभा भेजने का काम किया।
बसपा लहर के बीच 2007 मे पांचवी बार छावनी विधानसभा से चुनाव जीता
फिर बसपा लहर के बीच 2007 मे उन्होंने पांचवी बार छावनी विधानसभा से चुनाव जीता। इस बीच जब 2009 में विधानसभा सीटों के परिसीमन के गठित हुई नई विधानसभा महाराजपुर से 2012 का चुनाव लडा। इसमे पुरानी विधानसभा सरसौल का कुछ हिस्सा था जो देहात क्षेत्र में आता है और हमेशा से समाजवादी पार्टी का गढ रहा। लेकिन तब एक बार फिर सतीश महाना ने बसपा की प्रत्याशी और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अंटू मिश्रा की पत्नी शिखा मिश्रा को हराने का काम किया।
महाराजपुर विधानसभा के अधिकतर अनियोजित क्षेत्र में सोसाइटी की जमीनों पर बने आवासों के चलते यहां समस्याओं का अंबार हुआ करता था लेकिन सतीश महाना ने विपक्ष में होने के बावजूद विकास कार्यो को कराने का काम किया। इसके बाद 2017 के चुनावों में, उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी को 91,826 मतों के रिकॉर्ड अंतर से हराया। प्रदेश मे बनी भाजपा सरकार मे उन्हे औद्योगिक विकास मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में सतीश महाना ने आठवीं बार चुनाव जीतने का काम किया है।