लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फिर सत्ता हासिल कर ली है. बीजेपी गठबंधन को 273 सीटें मिली हैं, जिसमें बीजेपी ने 255, निषाद पार्टी ने 6 और अपना दल ने 12 सीट जीती हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी को 111 सीटें मिली हैं. उसकी सहयोगी रालोद को 8 और सुभासपा को 6 सीट नसीब हुई हैं. बीजेपी ने 20 से ज्यादा जिलों में क्लीन स्वीप किया है.
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बात अगर बुंदेलखंड की करें तो वहां इस बार बीजेपी क्लीन स्वीप से रह गई. पार्टी को 3 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर 2017 में बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था. लेकिन इस बार सपा तीन सीट जीतने में कामयाब रही.
मोदी-योगी सरकार के कार्यों ने विपक्ष की जमीन खिसका दी
बुंदेलों की सरजमीं पर समाजवादी पार्टी ने मेहनत तो खूब की लेकिन वह ज्यादा सीटों पर वोटों में तब्दील नहीं हो सकी. वहीं बीजेपी के लिए आम लोगों की सुरक्षा, गरीबों को राशन, घर, किसान सम्मान निधि और बुंदेलखंड में मोदी-योगी सरकार के विकास कार्यों ने विपक्ष की जमीन एक बार फिर खिसका दी.
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बांदा, जालौन, चित्रकूट की एक-एक सीट सपा ने जीती
बुंदेलखंड में बेरोजगारी और बेसहारा जानवरों का मुद्दा था लेकिन वह ज्यादा असर वहां छोड़ नहीं पाया. बुंदेलखंड के 7 जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, ललितपुर और झांसी की सभी 19 सीट बीजेपी के पास थीं. लेकिन वह इस बार इतिहास नहीं दोहरा सकी. बांदा, जालौन, चित्रकूट की एक-एक सीट सपा जीतने में कामयाब रही.
किन योजनाओं ने बीजेपी के लिए बुंदेलखंड में किया कमाल
चित्रकूट से जब इटावा जिले की ओर चलेंगे तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बन रहा है, जिसे बीजेपी ने यहां की किस्मत पलटने वाला प्रोजेक्ट बताया था.
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इसके अलावा झांसी और चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना, बांदा में केन-बेतवा लिंक और सिंचाई परियोजनाएं, महोबा में अर्जुन सहायक परियोजना, जालौन में पचनद विकास जैसे मुद्दों ने बीजेपी की सत्ता में वापसी कराई.
हालांकि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ने इलाके में अपने कार्यकाल की योजनाएं और काम खूब गिनवाए लेकिन वह बुंदेलों का मन नहीं बदल पाए. इसके अलावा बसपा का जमीन पर एक्टिव न होना भी बुंदेलखंड में बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा.
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