नई दिल्ली। कांग्रेस की 137वीं स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रगान से पहले पार्टी का झंडा फहराने के लिए पोल से बंधी रस्सी को खींचा. लेकिन, झंडा अचानक सोनिया गांधी के हाथों में आकर गिरा. ऐसा रस्सी से झंडा ठीक तरीके से नहीं बंधने की वजह से हुआ. हालांकि सोनिया गांधी, पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने तुरंत ही झंडा अपने हाथों में थाम लिया.
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सोनिया गांधी ने झंडा फहराया
बाद में, कांग्रेस का एक कार्यकर्ता झंडा लगाने के लिए स्तंभ पर चढ़ा और सोनिया गांधी ने झंडा फहराया. पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य लोग उपस्थित थे. कांग्रेस अध्यक्ष इस घटना से काफी परेशान नजर आईं और दूसरी बार झंडा फहराने की तैयारी से पहले वह एक पार्टी कार्यकर्ता से यह पूछताछ करते हुए भी दिखीं कि इस बार झंडा ठीक से लगाया गया है या नहीं.
कांग्रेस नेतृत्व ने घटना पर नाराजगी व्यक्त की
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, कांग्रेस नेतृत्व ने घटना पर नाराजगी व्यक्त की और समारोह के आयोजन के प्रभारी लोगों से भविष्य में और अधिक सावधान रहने को कहा. कांग्रेस प्रबंधकों ने आमतौर पर पार्टी मुख्यालय में नजर आने वाले छोटे ध्वज स्तंभ के बजाय इस बार स्टील का एक ऊंचा स्तंभ लगाया था.
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सोनिया ने कहा- पार्टी को मजबूत बनाने के लिए हरसंभव संघर्ष
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए, समाज विरोधी साजिशों के खिलाफ हर संभव संघर्ष कर पार्टी को मजबूत बनाना है. इस संकल्प के साथ हम आगे बढ़ेंगे. सोनिया गांधी ने कहा कि, हमारे प्यारे देशवासियों और कांग्रेस के जांबाज साथियों आज हम सब 137 साल पुरानी अपनी कांग्रेस पार्टी का स्थापना दिवस पूरे देश में बड़े व्यापक रूप से मना रहे हैं. कांग्रेस केवल एक राजनीतिक पार्टी का ही नाम नहीं है, बल्कि एक आंदोलन का नाम कांग्रेस पार्टी है. कांग्रेस की स्थापना किन परिस्थितियों में हुई यह मुझे बताने की जरूरत नहीं है.
बीजेपी पर हमला
सोनिया गांधी ने इस मौके पर बीजेपी पर भी करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि इतिहास को झुठलाया जा रहा है.हमारी विरासत गंगा-जमुना संस्कृति को मिटाने की नापाक कोशिश हो रही है. देश का आम नागरिक असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रहा है. लोकतंत्र और संविधान को दरकिनार कर तानाशाही चलाई जा रही है.
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