मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में जमानत मिलने के बाद आज 22 दिन बाद मुंबई की आर्थर रोड़ जेल से रिहा हो गए हैं.
मन्नत के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद
आर्यन अब पिता शाहरुख खान के साथ मन्नत जा रहे हैं. शाहरुख खान अपने काफिले के साथ आर्यन खान को लेने खुद आर्थर रोड़ जेल पहुंचे थे. जेल और शाहरुख के घर मन्नत के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं.
कोविड वैक्सीनेशन में यूपी ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, 13 करोड़ टीका लगाने वाला बना पहला राज्य
आर्यन खान अपनी रिहाई से बेहद खुश दिखे
आर्थर रोड जेल के अधिकारी के मुताबिक, आर्यन खान अपनी रिहाई से बेहद खुश दिखे. उन्होंने दूसरे कैदियों से मिलकर बात की और गले भी लगाया. इससे पहले आर्यन ने अधिकारियों से रिहाई का समय पूछा था.
आर्यन को सिर्फ जमानत मिली केस से छुटकारा नहीं
आर्यन खान की रिहाई सुबह 11 बजे हुई. 2 अक्टूबर के छापे के बाद से आर्यन को लंबा वक्त जेल में बिताना पड़ा है. शाहरुख के लाडले के लिए ये आसान नहीं था. आगे की राह भी आसान नहीं है, क्योंकि आर्यन को सिर्फ जमानत मिली है केस से छुटकारा नहीं.
Puneeth Rajkumar Death: कन्नड़ एक्टर पुनीत राजकुमार का हार्ट अटैक से निधन
आर्यन की रिहाई के बाद भी शर्ते लागू
आर्यन खान जेल से तो रिहा हो गए हैं. लेकिन उन्हें जमानत देते हुए कोर्ट ने उनके लिए कुछ शर्तें तय की हैं.
- आर्यन खान जांच अधिकारी को बिना बताए मुंबई से बाहर नहीं जा सकते हैं.
- हर शुक्रवार को एनसीबी दफ्तर में सुबह 11 बजे से 2 बजे के बीच आकर हाजिरी देनी होगी.
- किसी दूसरे आरोपी के संपर्क में नहीं रहना होगा.
- जांच से जुड़ी बातें मीडिया या सोशल मीडिया में शेयर नहीं कर सकते.
- आर्यन को अपना पासपोर्ट स्पेशल NDPS कोर्ट में जमा करना होगा.
- कोर्ट की इजाजत के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैं.
- अगर किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है तो NCB विशेष न्यायाधीश के पास आवेदन की हकदार होगी.
- कैदी को जेल से रिहा करने के क्या नियम हैं
जितने भी रिलीज़ ओर्ड़र बोक्स में होते हैं, उन्हें निकालकर जेल के अंदर ओफिस में ले ज़ाया जाता है. इसके बाद सारे लोगों को (जिनके रिलीज़ बॉंड बॉक्स में होते हैं) उनके नाम बुलाए जाते हैं और उन्हें उनके बैरक से बाहर निकाला जाता है.
उनके पास जेल का जो भी सामान होता है वो जमा कर लिया जाता है. (जैसे की बिस्तर, और पुस्तक जो आर्यन ने पढ़ने के लिए ली थी). इसी के साथ साथ जो रिलीज़ ओर्ड़र होते हैं, उसे जेल स्टाफ़ वेरिफ़ाय करता है और एक बार वेरिफ़िकेशन पूरा हो जाए तो 10 बजे के क़रीब जब जेल खुलता है, तब एक एक कर लोगों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाती है.