लखनऊ। देश के कई राज्यों में कोरोना के साथ-साथ डेंगू और वायरल फीवर का कहर बढ़ता जा रहा है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही पिछले एक महीने में कई मौतें इस वजह से हो चुकी हैं।
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लखनऊ में सबसे ज्यादा डेंगू के केस
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा डेंगू के केस मिले है। बता दें कि, एक दिन में लखनऊ में डेंगू के 26 केस मिले है। स्टेट लैब में 12 और कार्ड टेस्ट में 14 में डेंगू मिला है।
मेरठ में 205 डेंगू केस
मेरठ में 200 से अधिक डेंगू के मामले सामने आए हैं यह जानकारी यहां के चीफ मेडिकल आफिसर अखिलेश मोहन ने दी। उन्होंने बताया कि, इसमें से 18 नए मामले सोमवार को दर्ज किए गए हैं।
अखिलेश मोहन ने बताया कि, जिले में अभी 103 सक्रिय मामले हैं। 205 डेंगू के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि, हमारी टीम नियमित तौर पर हालात की निगरानी कर रही है। CMO ने बताया कि, कुछ लोगों को सामान्य बुखार है वहीं कुछ बगैर लक्षण ही बुखार झेल रहे हैं।
यूपी में वायरल और डेंगू से 14 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में जानलेवा बुखार का कहर बरकरार है। मंगलवार को बुखार और डेंगू से 14 लोगों की मौत हो गई। फिरोजाबाद में सात, मैनपुरी में तीन, अलीगढ़ में दो और कासगंज, एटा में एक-एक रोगी ने दम तोड़ दिया।
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फिरोजाबाद में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर छह बच्चों समेत सात लोगों की अलग-अलग स्थानों पर मौत हो गई। इस जिले में मृतकों की कुल संख्या 181 हो गई है। सौ शैया अस्पताल में 92 मरीज भर्ती कराए गए।
आगरा में 15 नए मरीज, मैनपुरी में 3 की मौत
आगरा में 15 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। मैनपुरी में 24 घंटे में जिले में मासूम समेत तीन लोगों की बुखार से मौत हो गई। एटा निवासी डेंगू पीडि़त 30 वर्षीय कल्पना की इलाज के दौरान एक निजी चिकित्सालय में मौत हो गई। शाम तक नौ लोग डेंगू पीडि़त मिल चुके थे।
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कासंगज में एक की मौत
कासगंज में बुखार से 55 वर्षीय वृद्ध लतीफ की आगरा के निजी अस्पताल में मौत हो गई है। अलीगढ़ जिले में मंगलवार को एक की वायरल और एक की डेंगू से मौत हुई। डेंगू से जिले में इस वर्ष यह पहली मौत है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
विशेषज्ञों का कहना है कि, डेंगू ऐसी बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है। लेकिन इस बार इससे बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। कारण यह है कि बच्चों का प्रतिरक्षा तंत्र वयस्कों के मुकाबले कमजोर होता है।
साल में छह से आठ बार वे श्वसन संबंधी संक्रमण से ग्रसित होते हैं। इधर, लॉकडाउन खुलने के बाद बड़ी संख्या में बच्चे बाहर आ रहे हैं और बाहर का दूषित खाना और गंदा पानी पी रहे हैं। यही कारण है कि उनमें संक्रमण का खतरा भी सबसे ज्यादा है।
मानसून के बाद तेजी से फैलता है वायरल फीवर
मानसून के बाद कई जगहों पर पानी का जमाव हो जाता है। ऐसे में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे रोग तेजी से फैलते हैं। इससे बचने के लिए घर पर पानी का जमाव न होने दें और जहां पर भी पानी जमा जमा होता है उसे हर रोज बदलते रहें।
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किस मच्छर के काटने से होता है डेंगू
डेंगू और चिकनगुनिया एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। वहीं एनोफिलीज मच्छर मलेरिया का कारक होता है जो गंदे व साफ दोनों तरह के पानी में प्रजनन करने में सक्षम है।
क्या हैं लक्षण ?
अगर किसी को तेज बुखार के साथ ही साथ शरीर में दर्द है। पेट में भी दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो उसमें डेंगू या अन्य मच्छर जनित बीमारियां होने की संभावना है। इसके अलावा भूख न लगना, शरीर पर चकत्ते पड़ना भी इसके संकेत हैं।
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शरीर में पानी की न होने दें कमी
डॉक्टरों का कहना है कि, अगर किसी में डेंगू के लक्षण दिखते हैं तो उसे पानी ज्यादा पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने से समस्या बढ़ सकती है। हालांकि, अगर किसी में ज्यादा लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे सीधे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
दिसंबर तक बढ़ सकता है डेंगू का खतरा
आम तौर पर डेंगू या मच्छर जनित बीमारी जुलाई और नंवबर के बीच फैलती हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि, इस बार मानसून के देर से विदा होने की संभावना के बीच बीमारी का खतरा भी दिसंबर तक यह बढ़ सकता है।
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