लखनऊ। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद से पूरे विश्व में एक बहस छिड़ गई है जहां एक तरफ कुछ कट्टरपंथी सोच के लोग तालिबान का समर्थन कर रहे हैं वहीं दुनियाभर के अधिकांश लोग तालिबानी शासन का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
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व्हाट्सएप ग्रुप पर तालिबानी शासन पर की गई टिप्पणी
मामला लखनऊ के एक प्रतिष्ठित कालेज के पूर्व छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप का है जहां तालिबानी शासन पर की गई टिप्पणी कुछ छात्रों को इतनी बुरी लगी कि, उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप ही छोड़ दिया।
व्हाट्सएप ग्रुप पर इस बात से नाराज हुए कई छात्र
वहीं ग्रुप के एक सदस्य ने जब मोदी और योगी सरकार की तारीफ की और कहा कि, जब तक हमरे देश की बागडोर ऐसे नेताओं के हाथ में है तबतक हमारा देश और हम सुरक्षित हैं बस क्या था सदस्य की इस बात पर कई पूर्व छात्र नाराज हो गए और ग्रुप ही छोड़ दिया।
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आंतकवादी कट्टरपंथ का समर्थन करना चिंता का विषय
इस पूरी धटना से एक बात साफ हो जाती है कि, लोकतंत्र में हमें सरकार का विरोध करने की पूरी आज़ादी है लेकिन जब हम एक आंतकवादी कट्टरपंथ का समर्थन करते हैं तो यह चिंता का विषय जरूर बन जाता है।