कानपुर में पुलिस बनकर लोगों को ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश, पांच शातिर गिरफ्तार

कानपुर में क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को पुलिस अधिकारी बनकर डराकर ठगी करता था। यह मामला कानपुर देहात के थाना गजनेर क्षेत्र और शहर में फैले एक साइबर और कॉल ठगी गिरोह का है। गिरोह के पांच सदस्य – सुरेश, दिनेश सिंह, अमन विश्वकर्मा, विनय सोनकर और पंकज सिंह – को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी अपने शिकारों को कॉल करके डीसीपी क्राइम या अन्य पुलिस अधिकारी का नाम लेकर डराते थे। कॉल के दौरान मोबाइल पर पुलिस सायरन की आवाज सुनाई जाती थी, जिससे लोगों में डर का माहौल बनता और वे तुरंत पैसे ट्रांसफर कर देते।
गिरोह का मुख्य मकसद था – पोर्न वीडियो देखने या किसी ऑनलाइन मामले में पुलिस जांच का डर दिखाकर लोगों को ठगना। इस तरह के झूठे डर के सहारे उन्होंने लाखों रुपए की ठगी की।
पुलिस के अनुसार, गिरोह अपने अड्डे के रूप में कानपुर देहात के जंगलों और खेतों का इस्तेमाल करता था। आरोपी सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली पुलिस गश्ती और पोस्टिंग लिस्ट को देखकर अपने शिकार का नाम लेकर उन्हें कॉल करते थे।
इस तकनीक का इस्तेमाल कर गिरोह ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि कॉल करने वाला अधिकारी वास्तव में पुलिस का उच्च अधिकारी है, जिससे शिकार झूठे भय में पैसे भेजने को मजबूर हो जाते थे।
डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि गिरोह ने कई स्थानों पर उनका नाम भी इस्तेमाल किया और इसी के आधार पर ठगी की वारदातें अंजाम दी।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से निम्नलिखित सामग्री बरामद की:
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चार मोबाइल फोन
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एक डेबिट कार्ड
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₹2,600 नकद
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एक बाइक
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अन्य डिजिटल साक्ष्य, जो ठगी की प्रक्रिया में उपयोग किए गए
बरामद साक्ष्यों की जांच में पता चला कि आरोपियों ने कई लोगों को अलग-अलग तरीकों से डराकर ठगी की थी।
डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने जनता से अपील की:
“अगर आपको किसी कॉल पर कोई पुलिस अधिकारी या डीसीपी क्राइम बनकर पैसे या जानकारी मांग रहा है, तो कभी भी पैसे ट्रांसफर न करें। ऐसी ठगी की कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। हम लगातार ऐसे गिरोहों पर नजर रख रहे हैं और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस अब आरोपी युवक और उनके नेटवर्क की पूरी जांच कर रही है और अन्य ठगी की घटनाओं के खुलासे की संभावना है।
कानपुर क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई से स्थानीय नागरिकों में राहत और विश्वास दोनों बढ़ा है। लोग अब समझ गए हैं कि पुलिस ऐसे गिरोहों के खिलाफ सतर्क है और किसी भी झूठे डर या धमकी में नहीं फंसना चाहिए।
विशेष रूप से डिजिटल और कॉल ठगी जैसी घटनाओं में सतर्कता और तुरंत रिपोर्टिंग बेहद जरूरी है। पुलिस ने लोगों को चेताया है कि कभी भी संदिग्ध कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल साझा न करें, चाहे कॉल कितनी भी डरावनी क्यों न लगे।
कानपुर क्राइम ब्रांच की यह कार्रवाई न केवल ठगी के गिरोह को ध्वस्त करने में सफलता है, बल्कि यह साइबर और कॉल ठगी के खिलाफ警ा नागरिकों को जागरूक करने का उदाहरण भी है।
गिरोह के पकड़े जाने से स्पष्ट संदेश गया है कि कानपुर में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है, और पुलिस नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर समय सजग है।
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