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Paras Tiwari’s Historic Skydive : बिसौली के पारस तिवारी ने 18 हजार फीट से छलांग लगाकर इतिहास रचा

18 हजार फीट की ऊँचाई से छलांग लगाकर बिसौली के पारस तिवारी ने रचा इतिहास, जिले का नाम किया रोशन

लोकेशन — बदायूँ | संवाददाता — मुनेन्द्र शर्मा

बदायूँ। जिले के बिसौली तहसील क्षेत्र के छोटे से गांव भटपुरा के निवासी पारस तिवारी ने वह कर दिखाया, जो बहुत कम लोग करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। उज्जैन में आयोजित विशेष स्काईडाइविंग कार्यक्रम के दौरान पारस ने 18 हजार फीट की ऊँचाई से एयरक्राफ्ट से छलांग लगाकर इतिहास रच दिया। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ बदायूँ जिले बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय बन गई है।

“हर हर महादेव” के जयकारे के साथ भरी आसमान में उड़ान

उज्जैन में छलांग लगाने से पहले पारस तिवारी ने पूरे जोश और विश्वास के साथ “हर हर महादेव” का उद्घोष किया, जिसके बाद उन्होंने विमान के दरवाज़े से झाँका और 18 हजार फीट की ऊँचाई से छलांग लगा दी।
हवा में कई सेकंड तक स्वतंत्र रूप से गिरते हुए पारस ने अपने पैराशूट को खोला और सुरक्षित लैंडिंग की।

उन्होंने कहा —

“आज मैंने अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा जंप लिया है। डर सबको लगता है, लेकिन जो डर को पीछे छोड़कर आसमान की ओर बढ़ते हैं, वही जीवन का असली आनंद लेते हैं।”

उनका यह वक्तव्य सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है और लोग उन्हें ‘बिसौली का स्काई हीरो’ कहकर सम्मानित कर रहे हैं।

पारस तिवारी का सफर: गांव से आसमान तक

गांव भटपुरा के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले पारस तिवारी बचपन से ही रोमांच और ऊँचाइयों के दीवाने रहे हैं। उन्हें उड़ान और एडवेंचर एक्टिविटीज़ का शौक बचपन से था। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने जुनून को कभी मरने नहीं दिया।
उनका मानना है कि —

“अगर मन में विश्वास हो और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो छोटे गांव से निकला इंसान भी बड़ी ऊँचाइयाँ छू सकता है।”

उनकी इस कामयाबी से न केवल परिवार गर्वित है, बल्कि पूरे गांव में खुशी और उत्साह का माहौल है। ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बाँटकर पारस की उपलब्धि का जश्न मनाया।

उज्जैन में रचा गया नया इतिहास

उज्जैन में आयोजित इस स्काईडाइविंग कार्यक्रम में देशभर से कई प्रतिभागी शामिल हुए थे। लेकिन 18 हजार फीट की छलांग लगाने का साहस और सफलता पारस तिवारी ने हासिल की। आयोजकों ने बताया कि इतनी ऊँचाई से सफल छलांग लगाने के लिए विशेष प्रशिक्षण, मानसिक मजबूती और शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है, जो पारस ने बखूबी प्रदर्शित की।

इस छलांग को पूरा करने के बाद पारस को आयोजकों और खेल प्रेमियों ने सम्मानित किया।

अगला लक्ष्य — माउंट एवरेस्ट फतह करना

अपनी इस उपलब्धि के बाद पारस तिवारी ने बताया कि यह तो उनके सपनों की सिर्फ शुरुआत है।
उन्होंने कहा —

“अब मेरा अगला लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करना है। मैं चाहता हूँ कि हमारे देश का हर युवा अपने डर पर जीत हासिल करे और खुद पर विश्वास रखे।”

जिले में खुशी की लहर

पारस की इस सफलता की खबर जैसे ही बदायूँ पहुंची, जिले में खुशी की लहर दौड़ गई।
बिसौली क्षेत्र में उनके परिवार, दोस्तों और ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पल का जश्न मनाया। लोग गर्व से कह रहे हैं कि —
“बिसौली का बेटा आसमान छू आया।”

जिले के अधिकारियों ने भी पारस को बधाई देते हुए कहा कि उनकी उपलब्धि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गई है।

पारस बने नई पीढ़ी के प्रेरणास्त्रोत

आज पारस तिवारी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि प्रेरणा और साहस की मिसाल बन चुके हैं।
उनकी कहानी यह साबित करती है कि छोटे शहरों और गांवों से निकलने वाले युवा भी दुनिया के मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं — बस ज़रूरत है जुनून, मेहनत और आत्मविश्वास की।

  • बिसौली के पारस तिवारी ने 18 हजार फीट ऊँचाई से एयरक्राफ्ट से छलांग लगाई

  • उज्जैन में आयोजित स्काईडाइविंग कार्यक्रम में रचा नया इतिहास

  • छलांग से पहले “हर हर महादेव” का उद्घोष

  • परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर

  • अगला लक्ष्य — माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई

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