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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में “सिंदूर घोटाला”, दूल्हा-दुल्हन हैरान—अधिकारियों की सफाई पर उठे सवाल

जिला – गाज़ीपुर
रिपोर्ट – विकास शर्मा

गाज़ीपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे स्थानीय लोग “सिंदूर घोटाला” बता रहे हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरुवार को ज़िले में भव्य आयोजन किया गया, जिसमें कुल 593 जोड़ों की शादी संपन्न कराई गई। सरकार की ओर से तय मानकों के अनुसार दूल्हा-दुल्हन को सामान का पूरा सेट दिया गया, जिसमें सिंदूर रखने का पात्र—सिंधोरा भी शामिल था। लेकिन इस सिंधोरे में सिंदूर ही नहीं था, जिससे विवाह रस्मों के दौरान बड़ा हंगामा खड़ा हो गया।

सिंदूरदान के समय सामने आई “खाली सिंधोरा” की हकीकत

जब दूल्हों ने सिंधोरा खोलकर सिंदूरदान की रस्म निभानी चाही, तो अंदर सिंदूर बिल्कुल भी नहीं मिला। कई दूल्हों ने कैमरे पर दिखाया कि दिए गए सिंधोरे पूरी तरह खाली थे। इससे विवाह स्थल पर मौजूद लोग भी आश्चर्यचकित रह गए।

ऐसे में दूल्हों ने किसी तरह पूजा की थाली में रखे सिंदूर से रस्म निभाई। कुछ दुल्हनों ने केवल माथे पर हल्का टीका लगाकर रस्म पूरी की।

और तो और, कई महिलाओं ने स्वीकारा कि वे यहां केवल योजना का लाभ लेने आई थीं और उनकी वास्तविक शादी शाम को घर पर होनी थी। इसलिए उन्होंने केवल औपचारिक तौर पर सिंदूर का टीका लगवाकर योजना की प्रक्रिया पूरी की।

700 जोड़ों में से सिर्फ 593 पहुंचे — हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों का विवाह सम्पन्न

कार्यक्रम में 700+ जोड़ों के पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन केवल 591 हिंदू और 2 मुस्लिम जोड़े ही विवाह स्थल तक पहुंचे।
हिंदू जोड़ों की शादी मंत्रोच्चार के साथ कराई गई, जबकि मुस्लिम जोड़ों का निकाह काज़ी ने पढ़वाया।

इस बार सरकार ने योजना की राशि को 51,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया है, जिसके चलते दुल्हनों के लिए मिलने वाले सामान में बढ़ोतरी की गई थी। लेकिन खाली सिंधोरे ने पूरे आयोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए।

बाइट – दूल्हा-दुल्हन

उन्होंने बताया कि—
“सिंधोरे में सिंदूर ही नहीं था। हमने खोलकर दिखाया भी, लेकिन अंदर कुछ नहीं था। अंत में पूजा की थाली से सिंदूर लेकर ही रस्म निभानी पड़ी।”

अधिकारियों की सफाई—पर सवाल और बढ़े

जब इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य से बात की गई, तो उन्होंने शादी प्रक्रिया को “पूरी तरह सही” बताया।

लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सिंधोरा खाली होने पर सिंदूरदान कैसे हुआ, तो अधिकारी ने कहा—
“थाली में रखा सिंदूर इस्तेमाल किया गया है।”

उनके इस बयान ने ही यह पुष्टि कर दी कि सिंधूर की सप्लाई में गंभीर लापरवाही हुई है, क्योंकि सामग्री की लिस्ट के अनुसार सिंधोरा “सिंदूर सहित” दिया जाना अनिवार्य है।

शादी स्थल पर सुरक्षा की भारी खामी—महिलाओं के गहने चोरी

कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चरमराई रही। कई महिलाओं ने शिकायत की कि उनके

  • मंगलसूत्र

  • चेन

  • और अन्य जेवरात

भीड़ में चोरों ने उड़ा लिए। यह घटना स्वयं योजना की सुरक्षा तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।

निष्कर्ष

गाज़ीपुर की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक तरफ भव्यता दिखाने की कोशिश की गई, वहीं दूसरी ओर सामग्री वितरण की लापरवाही, सिंदूर घोटाला, और सुरक्षा चूक ने पूरे आयोजन की छवि धूमिल कर दी है।

प्रशासन की ओर से सफाई तो दी गई, लेकिन खाली सिंधोरे की तस्वीरें और दूल्हा-दुल्हन के बयान यह साबित करते हैं कि इस विवाह आयोजन में कई स्तरों पर गंभीर खामियां रहीं, जिनकी जांच अब आवश्यक हो गई है।

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