कन्नौज से बड़ी प्रशासनिक खबर सामने आई है, जहाँ वक्फ सम्पत्तियों के रजिस्ट्रेशन और सत्यापन के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा विशेष कैम्प का आयोजन किया गया।

सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों को डिजिटल रूप से सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से दर्ज करने के लिए बनाए गए पोर्टल पर सभी रिकॉर्ड अपलोड करने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। इस अभियान के तहत कन्नौज जिले में भी आज एक महत्वपूर्ण कैम्प लगाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में वक्फ से जुड़े लोग शामिल हुए।
यह कैम्प पुलिस लाइन स्थित वारसी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित किया गया, जहाँ विभागीय अधिकारियों द्वारा वक्फ बोर्ड से जुड़ी मस्जिदों, इमामबाड़ों, कब्रिस्तानों और अन्य संपत्तियों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। इस दौरान वक्फ संपत्तियों के कागजात की जांच, विवरणों का सत्यापन और पोर्टल पर ऑनलाइन एंट्री की प्रक्रिया लगातार चलती रही।
सरकार का उद्देश्य—वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और सुरक्षा
सरकार ने वक्फ संपत्तियों के गलत उपयोग, अवैध कब्जों और गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह डिजिटल रजिस्ट्रेशन अभियान शुरू किया है। पोर्टल पर सभी संपत्तियों का विवरण दर्ज होने के बाद किसी भी तरह के विवाद, अतिक्रमण या अनियमितता को रोकने में आसानी होगी।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी वक्फ संपत्तियों को स्कैन कर सुरक्षित डेटा के रूप में पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह का रिकॉर्ड खोने या बदलने की संभावना समाप्त हो सके।
डीएमओ जितेंद्र कुमार का बयान—5 दिसंबर अंतिम तारीख
कार्यक्रम में मौजूद जिला अल्पसंख्यक अधिकारी (DMO) जितेंद्र कुमार ने बताया कि:
-
वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण और सत्यापन सरकार की प्राथमिकता है।
-
सभी संबंधित कमेटियों और व्यक्तियों से अपील है कि वे अनिवार्य रूप से अपनी संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर दर्ज कराएँ।
-
5 दिसंबर इस प्रक्रिया के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई है, इसलिए जो लोग अभी तक दस्तावेज जमा नहीं कर पाए हैं, वे जल्द से जल्द विभाग से संपर्क करें।
- डीएमओ ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्धारित समय सीमा के बाद डेटा दर्ज कराना मुश्किल हो जाएगा, इसलिए सभी वक्फ संचालकों को सतर्क और सक्रिय रहने की जरूरत है।
-
कैम्प में दस्तावेज सत्यापन से लेकर ऑनलाइन अपलोड तक सभी सुविधाएँ
कैम्प में वक्फ संपत्तियों से जुड़े कार्यों के लिए कई काउंटर बनाए गए, जिनमें—
-
दस्तावेजों की जांच
-
संपत्ति का विवरण भरना
-
डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना
-
पोर्टल पर डेटा अपलोड करना
जैसी सुविधाएँ शामिल थीं। अधिकारियों ने लोगों की समस्याएँ भी सुनीं और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मौके पर ही तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई गई।
-
-
स्थानीय वक्फ कमेटियों ने की पहल की सराहना
कई स्थानीय वक्फ समितियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल रजिस्ट्रेशन से संपत्तियों को सुरक्षित रखने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही, संपत्तियों के उपयोग और देखरेख में भी पारदर्शिता आएगी।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal