जालौन जनपद में तेज रफ्तार का कहर एक बार फिर सामने आया है। कालपी कोतवाली क्षेत्र के धमना मोड़ पर शुक्रवार की दोपहर हुए दर्दनाक हादसे ने स्थानीय लोगों को झकझोर दिया।
जानकारी के अनुसार, तेज रफ्तार में जा रही एक अनियंत्रित बाइक सड़क के बीच बने डिवाइडर से टकरा गई, जिससे बाइक सवार युवक और महिला गंभीर रूप से घायल हो गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और दोनों सड़क पर दूर जा गिरे

राहगीरों ने दी तत्काल मदद, एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया
हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया। आसपास मौजूद राहगीरों ने तत्काल एम्बुलेंस सेवा और पुलिस को सूचना दी।
कुछ ही मिनटों में 108 एम्बुलेंस टीम मौके पर पहुंची और दोनों घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कदौरा में भर्ती कराया।
चिकित्सकों के अनुसार दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर किए जाने की संभावना है।
स्थानीय लोगों का आक्रोश – “धमना मोड़ पर हादसे आम हो चुके हैं”
स्थानीय लोगों ने बताया कि धमना मोड़ पर आए दिन दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। सड़क पर न तो स्पीड कंट्रोल बोर्ड लगे हैं और न ही चेतावनी संकेतक (साइन बोर्ड)।
तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के चलते यह मोड़ अब “दुर्घटना स्थल” बन चुका है।
लोगों ने प्रशासन से सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि कई बार शिकायतों के बावजूद सड़क पर स्पीड ब्रेकर या ट्रैफिक संकेतक नहीं लगाए गए हैं।
एक राहगीर ने कहा –
“हर हफ्ते कोई न कोई यहाँ घायल होता है। जब तक प्रशासन स्पीड कंट्रोल और पुलिस गश्त नहीं बढ़ाएगा, हादसे रुकने वाले नहीं हैं।”
पुलिस जांच में जुटी, हेलमेट और स्पीड पर होगा फोकस
हादसे की सूचना मिलते ही कालपी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और क्षतिग्रस्त बाइक को अपने कब्जे में ले लिया।
पुलिस ने बताया कि यह जांच की जा रही है कि बाइक सवारों ने हेलमेट पहना था या नहीं और घटना के समय बाइक की गति कितनी थी।
पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज कर घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
तेज रफ्तार बनी जानलेवा – सड़क सुरक्षा पर फिर सवाल
तेज रफ्तार के कारण हुए इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जहाँ एक तरफ सरकार सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण और अर्द्धशहरी सड़कों पर सुरक्षा इंतज़ामों की भारी कमी नजर आती है।
धमना मोड़ जैसी जगहों पर साइन बोर्ड, पुलिस पेट्रोलिंग और उचित रोशनी की व्यवस्था न होने के कारण हादसों का खतरा लगातार बना रहता है।स्थानीय मांग – स्पीड ब्रेकर और चेतावनी संकेत लगवाए जाएं
लोगों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि धमना मोड़ पर स्पीड ब्रेकर, साइन बोर्ड और नियमित पुलिस गश्त की व्यवस्था तत्काल की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही अब जानलेवा रूप ले चुकी है।
निष्कर्ष – जागरूकता और सख्ती ही रोक सकती है हादसे
तेज रफ्तार के इस हादसे ने फिर यह साबित कर दिया कि लापरवाही और असावधानी किसी की भी जान ले सकती है।
अब जरूरत है कि प्रशासन सड़क सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करे और नागरिक खुद भी यातायात नियमों का पालन करें।
सड़क पर एक पल की गलती, ज़िंदगी भर का दर्द बन सकती है।
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