लोकेशन — कन्नौज
संवाददाता — अंकित श्रीवास्तव
कन्नौज। मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत चल रही फॉर्म भरने की प्रक्रिया को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष इरफानुल हक कादरी ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर ही संदेह जताया है। कादरी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची के शुद्धिकरण जैसे महत्वपूर्ण अभियान में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है, जिसके चलते आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कादरी ने कहा कि मतदाता सूची को अपडेट करने का उद्देश्य यह होना चाहिए कि हर पात्र नागरिक का नाम सूची में शामिल हो और गलत प्रविष्टियों को सुधारा जा सके। लेकिन कन्नौज सहित कई जिलों से शिकायतें मिल रही हैं कि बीएलओ स्वयं गलत तरीके से फॉर्म भर रहे हैं। कई जगहों पर पात्र मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं, तो कहीं नए नाम जोड़ने के लिए लोगों को कई बार चक्कर लगाने पड़े रहे हैं। इससे मतदाताओं में आक्रोश है और प्रक्रिया पर अविश्वास बढ़ रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई बीएलओ सही तरीके से प्रशिक्षण न होने के बावजूद फॉर्म भरने का काम कर रहे हैं। कई जगहों पर बीएलओ घर-घर नहीं जा रहे और बिना सत्यापन के फॉर्म भरकर जमा कर दे रहे हैं। इससे हजारों मतदाता या तो सूची से गायब हो सकते हैं या गलत विवरण के कारण मतदान अधिकार से वंचित हो सकते हैं।
सपा नेता ने कहा कि मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है, और इसकी विश्वसनीयता पर किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं है। ऐसे में चुनाव आयोग को चाहिए कि वह संपूर्ण प्रक्रिया की दोबारा समीक्षा करे और त्रुटियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त समय दे। उन्होंने बताया कि पार्टी ने चुनाव आयोग से एसआईआर प्रक्रिया के लिए 3 महीने का अतिरिक्त समय बढ़ाने की मांग की है, ताकि मतदाताओं को पूरा अवसर मिल सके और बीएलओ भी अपनी गलतियों का सुधार कर सकें।
इसके अलावा कादरी ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के चलते कई लोग फॉर्म भरने की प्रक्रिया से अनजान हैं। बीएलओ को जागरूकता अभियान चलाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन कई स्थानों पर वे अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं। इसके कारण न केवल मतदाता सूची प्रभावित हो रही है, बल्कि भविष्य के चुनावों की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
सपा नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय रहते गलतियों को दूर नहीं किया गया, तो पार्टी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता बेहद जरूरी है और जनता के अधिकारों से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय नागरिकों ने भी बीएलओ की अनियमितताओं को लेकर कई शिकायतें सामने रखीं। लोगों का कहना है कि समय पर जानकारी न मिलने और गलत फॉर्म भरे जाने से उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, शिकायतों की जांच के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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