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दिबियापुर में बाबा परमहंस धाम के नाम पर चल रही एंबुलेंस सेवा बनी लोगों की जीवनदायिनी, दो साल से नि:शुल्क सेवा जारी

दिबियापुर नगर में समाजसेवा और मानवता की मिसाल पेश करती बाबा परमहंस एंबुलेंस सेवा इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यह सेवा पिछले दो वर्षों से लगातार निशुल्क रूप से चल रही है और हजारों जरूरतमंदों के लिए जीवनरक्षक साबित हो चुकी है।

इस सेवा का संचालन बाबा परमहंस धाम के नाम पर किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य केवल एक—
“हर जरूरतमंद मरीज तक समय पर मदद पहुंचे।”


🚑 बिना रुके, बिना शुल्क — सभी के लिए उपलब्ध एंबुलेंस सेवा

एंबुलेंस पूरी तरह से फ्री है और किसी भी मरीज को बिना कोई देरी किए तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती है।

सेवा से जुड़े लोगों का कहना है कि—

  • चाहे दिन हो या रात

  • चाहे मरीज स्थानीय अस्पताल जाना चाहता हो

  • या फिर स्थिति गंभीर हो जाए

एंबुलेंस हर परिस्थिति में तत्काल सेवा देने के लिए तैयार रहती है।

यहां तक कि आवश्यकता पड़ने पर यह एंबुलेंस कानपुर जैसे बड़े शहर तक भी मरीजों को ले जाती है, जो इसे सामान्य एंबुलेंस सेवाओं से अलग और ज्यादा प्रभावशाली बनाता है।


🙏 निस्वार्थ सेवा का भाव—सिर्फ मानवता

इस सेवा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह—

  • पूरी तरह निस्वार्थ

  • निशुल्क

  • हर वर्ग के लोगों के लिए उपलब्ध

है।
किसी से कोई शुल्क या सुविधा शुल्क नहीं लिया जाता। गरीब, असहाय, बुजुर्ग, महिलाएं—सबके लिए यह एंबुलेंस किसी जीवनदायिनी से कम नहीं है।


👤 सेवा के संचालक: संजीव कुमार गुप्ता उर्फ ‘गट्टे भैया’

एंबुलेंस सेवा की देखरेख व संचालन की पूरी जिम्मेदारी संजीव कुमार गुप्ता उर्फ गट्टे भैया संभाल रहे हैं।
वे लगातार—

  • एंबुलेंस की मेंटेनेंस

  • मरीजों तक समय से पहुंच

  • ड्राइवर की उपलब्धता

  • और रात-दिन कॉल रिसीव करने

जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में स्वयं जुटे रहते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गट्टे भैया हर कॉल को अपनी जिम्मेदारी समझकर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं और कभी भी सेवा में देर नहीं होने देते।


🌟 2 साल में बने हजारों लोगों के सहारे

दो साल की अवधि में यह सेवा—

  • दर्जनों आपातकालीन प्रसव

  • दुर्घटना में घायल लोगों की मदद

  • हार्ट पेशेंट ट्रांसफर

  • बुजुर्ग और असहाय मरीजों की सहायता

जैसे अनगिनत मामलों में अपनी अहम भूमिका निभा चुकी है।

कई परिवारों ने बताया कि एंबुलेंस की समय पर उपलब्धता ने उनके अपनों की जान बचाई, जिसके लिए वे हमेशा आभारी रहेंगे।


🌍 समाजसेवा का अनोखा उदाहरण

दिबियापुर में यह सेवा समाजसेवा का एक अनोखा उदाहरण बन चुकी है। ऐसे समय में जब कई जगह एंबुलेंस सेवाएं महंगी और कठिनाईपूर्ण हैं, वहीं बाबा परमहंस एंबुलेंस सेवा मानवता की सच्ची मिसाल साबित हो रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है—

“अगर यह सेवा न होती तो कई मौके पर बड़ी घटनाएं हो सकती थीं। यह एंबुलेंस हमारे लिए वरदान है।”


📌 निष्कर्ष

दिबियापुर में चल रही बाबा परमहंस एंबुलेंस सेवा सिर्फ एक एंबुलेंस नहीं, बल्कि हजारों लोगों के लिए आस्था, भरोसे और जीवन की गारंटी बन चुकी है।
गट्टे भैया और उनकी टीम की निस्वार्थ सेवा ने यह साबित कर दिया है कि समाज को बदलने के लिए बड़े संसाधन नहीं, बल्कि बड़ा दिल चाहिए।

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