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रायबरेली: जिला अस्पताल की CT स्कैन मशीन 11 दिनों से ठप, मरीज भटकने को मजबूर

रायबरेली से बड़ी खबर – जिला अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन 11 दिनों से बंद, मरीज परेशान

रायबरेली। राणा बेनी माधव बक्श सिंह जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन पिछले 11 दिनों से खराब पड़ी है, जिसके चलते प्रतिदिन आने वाले सैकड़ों मरीजों को गहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मशीन का कैमरा खराब होने के कारण स्कैनिंग पूरी तरह ठप हो चुकी है।


सीटी स्कैन मशीन का कैमरा खराब, 11 दिन से सेवा बाधित

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, मशीन का मुख्य कैमरा यूनिट खराब हो गया है, जिसके बाद से सीटी स्कैन की कोई रिपोर्ट नहीं बन पा रही है। गंभीर मरीजों, एक्सीडेंट केस और इमरजेंसी स्थिति वाले लोगों को अब मजबूरन निजी अस्पतालों के महंगे टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं, जिससे मरीजों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है।


साइरेक्स कंपनी पर लापरवाही का आरोप — कई बार पत्र लिखने के बाद भी मरम्मत नहीं

सीटी स्कैन मशीन की सर्विसिंग की जिम्मेदारी साइरेक्स कंपनी के पास है। अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी को कई बार लिखित शिकायत भेजी, लेकिन मरम्मत टीम अब तक नहीं पहुंची।
सीएमएस डॉ. पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि—
“कंपनी को बार-बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। मशीन बंद होने से मरीजों की नम्बरदार परेशानी बढ़ रही है।”

कंपनी की इस सुस्ती और गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


मरीजों का बढ़ा संकट, निजी अस्पतालों का रुख करने को मजबूर

सीटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण जांच बंद होने से—
✔ सिर की चोट
✔ सड़क दुर्घटना
✔ ब्रेन स्ट्रोक
✔ आंतरिक चोट
✔ गंभीर संक्रमण
जैसे मामलों में मरीजों को तत्काल जांच के लिए निजी केंद्रों में जाना पड़ रहा है।

निजी लैब में यह जांच 2,000 से 6,000 रुपये तक महंगी होने के कारण गरीब मरीजों के लिए स्थिति और कठिन हो गई है।


अस्पताल प्रशासन भी असहाय, मरीजों की बढ़ती भीड़ से व्यवस्था बिगड़ी

रिपोर्ट न बन पाने के कारण इमरजेंसी वार्ड में कई मरीजों का इलाज रोकना पड़ा है। डॉक्टरों का कहना है कि सीटी स्कैन के बिना कई महत्वपूर्ण मामलों में उपचार शुरू करना जोखिम भरा हो सकता है।

अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि—
“मशीन बंद होने के कारण रोजाना 70–80 मरीज लौट रहे हैं। कई मरीज तो दूसरे जिलों तक टेस्ट कराने जा रहे हैं।”


कब तक ठीक होगी मशीन? जवाब नहीं

कंपनी की तरफ से अब तक न तो तकनीशियन भेजा गया है और न ही मरम्मत की कोई तिथि बताई गई है।
अस्पताल प्रशासन बार-बार पत्र भेज रहा है, लेकिन स्पष्ट जवाब न मिल पाने से स्थिति और गंभीर होती जा रही है।


स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल, कार्रवाई की उठी मांग

स्थानीय लोगों ने इस मामले में साइरेक्स कंपनी पर कार्रवाई की मांग उठाई है। लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण जगह पर 11 दिनों तक एक आवश्यक जांच मशीन का बंद रहना बेहद गंभीर लापरवाही है।

अगर मशीन जल्द नहीं ठीक हुई तो आने वाले दिनों में मरीजों की समस्याएँ और बढ़ सकती हैं।

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