जालौन।
किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इफको (IFFCO) द्वारा नैनो उर्वरक उपयोग महाभियान के तहत रबी फसल विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और विशेषज्ञों से नैनो उर्वरकों के लाभों की जानकारी प्राप्त की।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में नैनो उर्वरक अधिक प्रभावी, पर्यावरण के अनुकूल और लागत में किफायती हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे फसलों की बेहतर पैदावार और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए नैनो डीएपी एवं अन्य नैनो उर्वरकों का प्रयोग अवश्य करें।
डीएम ने कहा कि “नैनो उर्वरक कम मात्रा में प्रयोग करने पर भी उत्कृष्ट परिणाम देते हैं। इससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है, उत्पादन लागत घटती है और पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है।” उन्होंने किसानों को सलाह दी कि नैनो उर्वरकों के उपयोग के दौरान सही मात्रा, समय और विधि का विशेष ध्यान रखें ताकि अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।
कार्यक्रम में इफको के विशेषज्ञों ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की विशेषताओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नैनो उर्वरक के एक स्प्रे से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व तुरंत मिल जाते हैं, जिससे फसल की बढ़वार और उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होता है।
गोष्ठी के दौरान किसानों के सवालों के जवाब दिए गए और उन्हें नैनो उत्पादों के डेमो पैक भी वितरित किए गए। इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारी, इफको के प्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal