नई दिल्ली:
अफगानिस्तान के सीमावर्ती प्रांत पक्तिका में पाकिस्तान द्वारा किए गए एक हवाई हमले में तीन अफगान क्रिकेटरों समेत आठ लोगों की मौत ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया है। इस घटना के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पाकिस्तान के साथ अपनी आगामी क्रिकेट श्रृंखला से नाम वापस ले लिया। इस घटनाक्रम के बाद भारत में भी राजनीतिक प्रतिक्रिया देखने को मिली, जहां शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भारत सरकार और बीसीसीआई (BCCI) पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अफगानिस्तान से सीख लेने की ज़रूरत है कि कैसे “देश को खेल से ऊपर रखा जाता है।”
🔴 पाकिस्तानी हवाई हमले में तीन क्रिकेटरों की मौत
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बताया कि यह हमला पक्तिका प्रांत के शाराना क्षेत्र में हुआ, जहां स्थानीय खिलाड़ी उरगुन से दोस्ताना मैच खेलकर लौट रहे थे। इस हमले में तीन क्रिकेटरों — कबीर, सिबघतुल्लाह और हारून — की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पाँच अन्य नागरिक भी मारे गए।
एसीबी ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला “पाकिस्तानी शासन द्वारा किया गया एक कायराना कदम” है। बोर्ड ने शहीद खिलाड़ियों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए घोषणा की कि अफगानिस्तान अब पाकिस्तान के साथ किसी भी त्रिकोणीय क्रिकेट श्रृंखला में भाग नहीं लेगा।
🗣️ “बीसीसीआई और सरकार अफगानिस्तान से सीखें” — प्रियंका चतुर्वेदी
इस घटना के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा:
“पाकिस्तानी शासन कायरों का समूह है, जो बेकसूर लोगों का खून बहाता है और सीमा पर पिट जाता है। उन पर लानत है। यह देखकर अच्छा लगा कि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने से इनकार कर दिया। शायद बीसीसीआई और भारत सरकार को उनसे कुछ टिप्स लेने की ज़रूरत है कि कैसे खेल के ऊपर देश को रखा जाए।”
उनके इस बयान को हालिया एशिया कप विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के निर्णय पर काफी बहस हुई थी।
⚔️ भारत-पाक क्रिकेट पर फिर छिड़ी बहस
गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश के भीतर कई राजनीतिक दलों और नागरिकों ने पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के खेल संबंधों का विरोध किया था। इसके बावजूद बीसीसीआई ने सरकार से परामर्श के बाद एशिया कप में पाकिस्तान से खेलने का फैसला किया।
अब अफगानिस्तान द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ रुख अपनाने के बाद भारत की क्रिकेट नीति को लेकर विपक्ष फिर सवाल खड़े कर रहा है।
🕊️ अफगानिस्तान का साहसिक कदम और क्षेत्रीय संदेश
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का यह फैसला सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राजनैतिक और नैतिक संदेश भी देता है — कि जब देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा दांव पर हो, तब खेल से बड़ा कोई मुद्दा नहीं होता।
प्रियंका चतुर्वेदी के अनुसार, भारत को भी ऐसे मौकों पर “स्पष्ट और सख्त रुख” अपनाने की आवश्यकता है ताकि खेल के नाम पर कूटनीतिक संदेश कमजोर न पड़े।
🏁 निष्कर्ष
पाकिस्तानी हमले में अफगान क्रिकेटरों की मौत ने दक्षिण एशिया में खेल और राजनीति के रिश्तों को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।
जहाँ अफगानिस्तान ने खेल से ऊपर राष्ट्र की गरिमा को प्राथमिकता दी है, वहीं भारत में अब यह बहस तेज़ हो रही है कि क्या भारत को भी अपनी क्रिकेट नीति में बदलाव कर, खेल से पहले देश की भावनाओं को सर्वोपरि रखना चाहिए?
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