बूढ़ा दाना भियांपुर लहोखर में सचिवों की लापरवाही से अन्नदाता परेशान, सरकारी संघ पर उपलब्ध खाद भी नहीं पहुंच रही किसानों तक
जिले के कई ब्लॉकों में इन दिनों खाद वितरण में भारी गड़बड़ी देखने को मिल रही है। खासतौर पर बूढ़ा दाना भियांपुर लहोखर क्षेत्र के किसान इन दिनों सचिवों की मनमानी और लापरवाही से त्रस्त हैं। सरकारी गोदामों पर खाद की पर्याप्त उपलब्धता होने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
किसानों का आरोप है कि संबंधित सचिव जानबूझकर खाद वितरण में देरी कर रहे हैं। वह समय पर संघ पर नहीं पहुंचते और सुबह से लाइन में लगे किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि सचिव अक्सर 12 बजे के बाद संघ पर पहुंचते हैं, जिससे सुबह से लाइन में लगे किसान निराश होकर लौट जाते हैं या फिर मजबूर होकर प्राइवेट दुकानों से महंगी खाद खरीदते हैं।
तीन-चार बार चक्कर लगाने के बाद भी नहीं मिल रही खाद
किसानों का कहना है कि उन्हें एक बोरी खाद के लिए तीन-चार बार संघ का चक्कर लगाना पड़ रहा है। कई बार तो पूरा दिन लाइन में बीत जाता है, लेकिन जब सचिव देर से पहुंचते हैं तो किसानों को मायूस होकर लौटना पड़ता है।
इस स्थिति से नाराज़ किसानों का कहना है कि प्रशासन का रवैया भी बेहद ढीला है। अधिकारी इस मनमानी को जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे सचिवों के हौसले बुलंद हैं और किसानों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
सरसों की बुवाई में देरी, महंगी खाद खरीदने को मजबूर किसान
इस समय किसानों के लिए सरसों की बुवाई का महत्वपूर्ण समय चल रहा है। लेकिन खाद की किल्लत और सचिवों की लापरवाही के चलते बुवाई में देरी हो रही है। कई किसान मजबूरी में बाजार की प्राइवेट दुकानों से खाद खरीदने को विवश हैं, जहाँ एक बोरी खाद सरकारी दरों से कई गुना महंगी मिल रही है।
किसानों का कहना है कि जब संघ पर खाद मौजूद है, तो उन्हें बाहर से खरीदने की जरूरत क्यों पड़े? यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार और धांधली का मामला है।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि जिले के कृषि विभाग के अधिकारी इस समस्या से पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सचिव अपनी मनमानी में मस्त हैं और किसान बेबस होकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और जिला मुख्यालय पर धरना देने को मजबूर होंगे।
किसानों की मांग – सचिवों पर हो सख्त कार्रवाई
किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन सचिवों पर तत्काल कार्रवाई की जाए जो खाद वितरण में जानबूझकर देरी कर रहे हैं या धांधली कर रहे हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद वितरण पारदर्शी तरीके से और तय समय पर हो, ताकि किसानों को परेशानी न झेलनी पड़े।
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