लखनऊ/रामपुर।
उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर हलचल बढ़ गई है। 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जहां शिवपाल और अखिलेश खेमे के नेता सक्रिय हैं, वहीं अब ‘आजमवादी’ खेमे ने भी मैदान संभाल लिया है। रामपुर में अखिलेश यादव और आजम खां की हालिया मुलाकात ने पार्टी में पुराने समीकरणों को फिर से जीवित कर दिया है।
आजम खां के जेल से बाहर आने और अखिलेश यादव के साथ सुलह के संकेतों के बाद उनके करीबियों में नई ऊर्जा दिख रही है। पार्टी में यह माना जा रहा है कि इस बार टिकट बंटवारे में आजम खां की राय को 2022 के मुकाबले कहीं अधिक महत्व मिलेगा। नतीजतन, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा और आसपास के जिलों में उनके करीबी नेताओं की सक्रियता अचानक बढ़ी है।
रामपुर से लेकर मुरादाबाद तक आजम के लोग फिर मैदान में
आजम खां हमेशा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति के धुरी रहे हैं। रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा और संभल तक उनका प्रभाव लंबे समय से कायम है। अब जब उनके और अखिलेश यादव के बीच की राजनीतिक दूरी कम हो गई है, तो उनके विश्वासपात्र नेताओं ने एक बार फिर अपने पुराने इलाकों में दौड़भाग शुरू कर दी है।
इस सूची में कई नाम शामिल हैं — जैसे यूसुफ मलिक, मोहम्मद फहीम, डॉ. महमूद सैफी और शाने अली शानू, जो आजम खां के करीबी माने जाते हैं और 2027 में टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
कांठ विधानसभा सीट: सबसे दिलचस्प मुकाबले की तैयारी
मुरादाबाद जिले की कांठ विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा में है। आजम खां के नजदीकी नेता यूसुफ मलिक की इस सीट पर दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। मलिक की सक्रियता पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ी है। 2017 में भी उन्होंने इसी सीट से टिकट मांगा था।
वर्तमान में यह सीट कमाल अख्तर के पास है, जो मुलायम सिंह यादव के दौर से ही सैफई परिवार के बेहद करीबी हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगर टिकट बंटवारे में आजम खां का पलड़ा भारी रहा, तो संभव है कि कमाल अख्तर को अपनी पुरानी सीट हसनपुर (अमरोहा) लौटनी पड़े और यूसुफ मलिक को कांठ से मैदान में उतारा जाए।
बिलारी से फहीम, देहात से शाने अली शानू की तैयारी
मुरादाबाद जिले की बिलारी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक मोहम्मद फहीम भी इस सूची में प्रमुख हैं। हाल ही में वह रामपुर जाकर आजम खां से मुलाकात कर चुके हैं।
हालांकि बिलारी सीट से सपा के पुराने नेता राजेश यादव समेत कुछ अन्य नाम भी दावेदारी में हैं, लेकिन सिटिंग एमएलए होने के कारण फहीम को मजबूत माना जा रहा है।
वहीं, डॉ. महमूद सैफी और शाने अली शानू भी आजम खां के करीबी हैं और नगर तथा देहात सीटों से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। डॉ. सैफी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं, जबकि शाने अली शानू सपा सांसद रुचिवीरा के नजदीकी माने जाते हैं।
आजम खेमे से बाहर भी कई नेता टिकट की रेस में
आजम खां के प्रभाव के अलावा सपा में अन्य गुटों के नेता भी 2027 के लिए सक्रिय हैं।
शिवपाल यादव के करीबी राजेश यादव और संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रदेश सचिव जयपाल सिंह सैनी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
देहात विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक नासिर कुरैशी और पूर्व विधायक उस्मानुल हक के परिवार भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक नवाब जान अपनी सीट पर दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, जबकि नगर सीट पर कई पुराने नाम एक बार फिर चर्चा में हैं।
नगर सीट से कई पुराने नाम फिर सक्रिय
नगर विधानसभा सीट से 2012 में सपा के टिकट पर जीत चुके यूसुफ अंसारी दो चुनाव हारने के बावजूद अब भी अखिलेश के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं।
2027 के लिए उन्होंने फिर से तैयारी शुरू कर दी है।
इसके अलावा सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव और पूर्व जिलाध्यक्ष अतहर अंसारी भी नगर सीट से टिकट की दौड़ में हैं।
सपा सांसद रुचिवीरा की बेटी भी सियासी मैदान में उतरने को तैयार
सपा सांसद रुचिवीरा का सियासी सफर खुद आजम खां की छाप लिए रहा है, और अब उनकी बेटी स्वाति वीरा भी राजनीति में उतरने की तैयारी में हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के कई स्थानीय नेताओं ने स्वाति वीरा को नगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की मांग की है।
हालांकि अंदरखाने चर्चा है कि सांसद रुचिवीरा अपनी बेटी को मुरादाबाद के बजाय बिजनौर की बढ़ापुर सीट से मैदान में उतारना चाहती हैं, क्योंकि यह इलाका मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में ही आता है और सांसद यहां सबसे अधिक सक्रिय रहती हैं।
राजनीतिक संकेत साफ: 2027 में आजम की भूमिका निर्णायक
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में आजम खां की भूमिका फिर से निर्णायक हो सकती है।
उनकी रिहाई और अखिलेश यादव के साथ मेल-मिलाप के बाद पश्चिमी यूपी में सपा के लिए एकजुटता का नया अध्याय शुरू होता दिख रहा है।
अब देखना यह होगा कि क्या पार्टी टिकट वितरण में सचमुच आजम खां की राय को उतनी अहमियत देती है, जितनी अभी उनके समर्थक उम्मीद कर रहे हैं।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal