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हिमाचल का दिल दहला देने वाला हादसा: बिलासपुर में पहाड़ से बस पर गिरीं चट्टानें, छत उखड़कर खाई में गिरी; 16 की मौत, दो मासूमों को बचाया गया

बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से मंगलवार शाम एक हृदयविदारक हादसे की खबर सामने आई, जिसने पूरे प्रदेश को दहला दिया। भारी बारिश के बीच पहाड़ से अचानक चट्टानें और मलबा गिरने से एक निजी बस उसकी चपेट में आ गई। हादसे की तीव्रता इतनी भयानक थी कि बस की छत उखड़कर खाई में जा गिरी और सवारियां मलबे में दब गईं।


यह दर्दनाक हादसा बरठीं के भल्लू पुल के पास मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे हुआ। बस मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही थी। बस में कुल 18 लोग सवार थे, जिनमें से 16 की मौके पर ही मौत हो गई। दो मासूम बच्चे — आरुषि (10) और शौर्य (8) — को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।


🚨 कैसे हुआ हादसा

बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम लगातार बारिश के चलते पहाड़ी से भारी-भरकम चट्टानें ढीली हो गई थीं। जैसे ही बस भल्लू पुल के पास पहुंची, अचानक ऊपर से मलबा और चट्टानें बस पर गिर पड़ीं।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस की छत पूरी तरह उखड़ गई और खाई के किनारे जा गिरी। चट्टानें और मिट्टी बस के अंदर घुस गईं, जिससे सवारियां मलबे में दब गईं।
पीछे से आ रही गाड़ियों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। देखते ही देखते चीख-पुकार और अफरातफरी का माहौल बन गया।


🧒 दो बच्चों की बची जान, परिवार के चार सदस्य नहीं रहे

इस हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया।
फगोग गांव के दो बच्चे — आरुषि (10) और शौर्य (8) — को स्थानीय लोगों ने जिंदा निकाल लिया। लेकिन दोनों के माता-पिता और दो चचेरे भाई इस हादसे में जिंदगी की जंग हार गए।
दोनों की मां कमलेश कुमारी, चाची अंजना कुमारी, और दो चचेरे भाई नक्श और आरव का शव मलबे से बरामद किया गया।
जानकारी के मुताबिक, देवरानी-जिठानी अपने मायके गंगलोह थेह से ससुराल फगोग लौट रही थीं, तभी यह हादसा हो गया।


🚌 बस चालक, परिचालक समेत कई स्थानीय निवासी भी हादसे के शिकार

पुलिस के अनुसार, हादसे में चालक और नए परिचालक की भी मौत हो गई।
बस के मालिक राजकुमार खुद उस दिन कंडक्टरी कर रहे थे, लेकिन बरठीं में उतर गए थे। उन्होंने आगे के लिए दूसरे परिचालक को भेजा था, जो हादसे का शिकार हो गया।
संजोग देखिए — जिस जगह मालिक उतरा, उसके कुछ ही मिनटों बाद हादसा हो गया।


⚰️ अब तक पहचाने गए मृतक

पुलिस ने अब तक जिन 15 मृतकों की पहचान की है, वे हैं —
बख्शी राम (भल्लू), नरेंद्र (छत), कृष्णलाल (थापना नरली), रजनीश, चुन्नी (बरड़), सोनू (कच्युत), शरीफ खान (मलांगण), बिमला (देण), आरव, कमलेश, अंजना, नक्श (फगोग), प्रवीण (डोहग), कांता देवी (सियोथा), संजीव (मैड)।
एक अन्य बच्चा, 8 वर्षीय राहुल, शुरू में लापता था। बुधवार सुबह उसका शव भी बरामद कर लिया गया।


⛑️ तीन घंटे चला रेस्क्यू अभियान, एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा

हादसे के तुरंत बाद पुलिस, दमकल और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची।
लगातार मिट्टी और चट्टान गिरने से रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद मुश्किल हो गया। अंधेरा छाने के बावजूद एनडीआरएफ की टीम ने कुत्तों की मदद से शवों की तलाश की।
करीब साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद 15 शव और दो जिंदा बच्चे मलबे से निकाले गए।
मौके पर एसपी संदीप धवल, एसडीएम गौरव चौधरी और विधायक जीत राम कटवाल मौजूद रहे।


🕯️ पूरा इलाका शोक में डूबा, अस्पताल में मातम का माहौल

बरठीं अस्पताल में जब शव लाए गए तो वहां रोने-बिलखने की आवाजें गूंज उठीं।
अस्पताल परिसर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कोई परिजनों को ढांढस बंधा रहा था, तो कोई पानी पिला रहा था।
पूरा बिलासपुर जिला गमगीन है। हादसे की खबर पूरे हिमाचल में फैल गई।


🗣️ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सीएम ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से

  • मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख

  • और घायलों को ₹50 हजार की सहायता राशि देने की घोषणा की।
    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया।
    सीएम सुक्खू ने कहा,

“यह अत्यंत दर्दनाक घटना है। राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।”


🌧️ लगातार बारिश बनी आफत, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन और सड़कें बंद हैं।
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे बरसात के दौरान पहाड़ी मार्गों पर यात्रा से बचें।
बरठीं के आसपास के इलाकों में वाहनों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोकी गई है।


💔 एक हादसे ने उजाड़ दिए कई घर

बरठीं का यह हादसा सिर्फ एक बस दुर्घटना नहीं, बल्कि कई परिवारों के जीवन की दिशा बदल देने वाली त्रासदी है।
दो मासूम बच्चों की मासूम आंखों में अब केवल सवाल हैं — क्यों उनका पूरा परिवार उनसे छिन गया?
पूरा बिलासपुर इस दुखद घटना पर शोकाकुल है।

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