वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने “व्यापारिक कौशल” और “टैरिफ (आयात शुल्क)” की ताकत का इस्तेमाल कर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को खत्म करवाया।

ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा,
“मैं युद्ध रोकने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल करता हूं। अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो वे एक-दूसरे पर हमला करने के लिए तैयार थे। सात विमान गिराए गए थे, हालात बेहद तनावपूर्ण थे। लेकिन मैंने जो कहा, वह बहुत असरदार साबित हुआ — और वे रुक गए।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर उन्होंने टैरिफ की ताकत का इस्तेमाल न किया होता, तो आज दुनिया में कम से कम चार युद्ध चल रहे होते।
ट्रंप ने कहा,
“टैरिफ अमेरिका के लिए सिर्फ व्यापार का हथियार नहीं हैं, बल्कि यह शांति कायम रखने का जरिया भी हैं। हम टैरिफ के ज़रिए अरबों डॉलर कमाते हैं, लेकिन साथ ही युद्ध रोकने की ताकत भी रखते हैं। अगर मेरे पास टैरिफ न होते, तो आज चार बड़े युद्ध चल रहे होते और हजारों लोग रोज मारे जा रहे होते।”
भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुआ था तनाव
दरअसल, ट्रंप का यह बयान उस संघर्ष से जुड़ा है जो मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था।
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। उस हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया था। चार दिन तक चले इस जवाबी अभियान के बाद 10 मई को संघर्षविराम (Ceasefire Agreement) हुआ।
उस समय ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस संघर्ष को रुकवाने का श्रेय खुद को दिया था। लेकिन भारत ने तत्काल स्पष्ट किया कि यह समझौता दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच प्रत्यक्ष बातचीत के जरिए हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि
“भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा, और किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा था।”
ट्रंप का दावा: “मैंने सात युद्ध रुकवाए”
ट्रंप यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने दुनिया भर में सात युद्ध रुकवाए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष भी शामिल है।
उनके मुताबिक, जिन देशों के बीच उन्होंने शांति कायम करवाई, वे हैं —
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भारत और पाकिस्तान
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कंबोडिया और थाईलैंड
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कोसोवो और सर्बिया
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कॉन्गो और रवांडा
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इस्राइल और ईरान
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मिस्र और इथियोपिया
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आर्मेनिया और अजरबैजान
ट्रंप ने दावा किया कि इनमें से कम से कम आधे युद्ध “टैरिफ और व्यापारिक दबाव” की वजह से खत्म हुए।
उन्होंने कहा,
“अगर मेरे पास टैरिफ की ताकत न होती, तो ये सभी संघर्ष आज भी चल रहे होते। टैरिफ सिर्फ आर्थिक नीति नहीं है — यह कूटनीति का सबसे असरदार हथियार है।”
भारत लगातार करता रहा है तीसरे पक्ष के दखल से इनकार
भारत की नीति हमेशा से स्पष्ट रही है कि भारत-पाकिस्तान विवादों में किसी तीसरे देश के दखल की आवश्यकता नहीं है। चाहे वह कश्मीर मसला हो या सीमा पर झड़पें, भारत का मानना है कि ऐसे मामलों का समाधान “द्विपक्षीय बातचीत” के जरिए ही संभव है।
भारत ने पहले भी कई बार ट्रंप के इस तरह के बयानों को खारिज किया है।
विदेश मंत्रालय ने 2025 के मई संघर्ष के बाद कहा था कि
“भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पूरी तरह से हमारे और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत का परिणाम था, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका इसमें नहीं थी।”
विश्लेषण: ट्रंप की रणनीति या राजनीतिक बयानबाजी?
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की “टैरिफ डिप्लोमेसी” की थ्योरी उनके राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है। अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनावों से पहले वे अपने कार्यकाल के “विदेश नीति उपलब्धियों” को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।
राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि ट्रंप की यह बयानबाजी अमेरिकी मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश है कि वे सिर्फ व्यवसायी नहीं, बल्कि एक ‘शांति निर्माता’ भी हैं — जो युद्ध रोकने की क्षमता रखते हैं।
हालांकि, भारत की आधिकारिक स्थिति अब भी स्पष्ट है —
“भारत की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़े फैसले किसी बाहरी दबाव में नहीं लिए जाते।”
📌 निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा नया नहीं है, लेकिन एक बार फिर उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका को “प्रभावशाली” बताया है। वहीं, भारत ने पहले की तरह अब भी कहा है कि किसी तीसरे पक्ष ने उस संघर्ष विराम में कोई भूमिका नहीं निभाई थी।
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