Friday , December 5 2025

बरेली हिंसा पर सपा का विरोध जारी: पुलिस ने लखनऊ में रोक दिया डेलीगेशन, संभल सांसद जियाउर्रहमान को किया हाउस अरेस्ट

उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमा के दिन हुई हिंसा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई और सुरक्षा सतर्कता के बीच अब समाजवादी पार्टी (सपा) भी सक्रिय हो गई है। सपा ने बरेली में पीड़ित परिवारों से मुलाकात और उनके साथ हस्तक्षेप करने के लिए 14 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल तैयार किया था। हालांकि, लखनऊ से निकलने से पहले ही पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया और संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हाउस अरेस्ट में रखा गया।

सपा प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य और कार्रवाई:
सपा का प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर को बरेली जाने वाला था। इसका मुख्य उद्देश्य डीआईजी और कमिश्नर से मुलाकात कर बरेली में पीड़ित परिवारों की समस्याओं को सुनना और समाधान के लिए प्रयास करना था। प्रतिनिधिमंडल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क के अलावा यूपी में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, सांसद हरेंद्र मलिक, सांसद इकरा हसन, सांसद मोहिबुल्लाह, सांसद नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, विधायक अताउर्रहमान, विधायक शहजिल इस्लाम अंसारी, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार और प्रदेश सचिव शुभलेश यादव शामिल थे।

पुलिस की रोकथाम और हाउस अरेस्ट:
लखनऊ से बरेली जाने से पहले ही पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया। संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के आवास पर थाना नखासा और थाना रायसत्ती पुलिस द्वारा सुरक्षा बल तैनात किया गया। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई सांसद को बरेली जाने से रोकने के उद्देश्य से की गई।

नेता प्रतिपक्ष पांडेय की प्रतिक्रिया:
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि पुलिस ने उन्हें घर पर रहने और बरेली न जाने का नोटिस दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन अपनी कमियों और बरेली में हुई हिंसा के गलत प्रबंधन को छिपाने के लिए सपा प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। पांडेय ने कहा, “अगर कलेक्टर का आदेश होता तो हम उसे स्वीकार कर लेते, लेकिन डीएम के पत्र में कहा गया कि आपके आने से माहौल खराब होगा। हम अब अपनी पार्टी के सदस्यों से विचार विमर्श करेंगे और फिर निर्णय लेंगे।”

सपा के आरोप और बरेली की स्थिति:
सपा ने आरोप लगाया कि 26 सितंबर को जुमा की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोग शांतिपूर्ण रूप से जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे थे। रास्ते में पुलिस और पीएसी ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, 4 बारात घर सीज किए गए हैं और कई मकानों तथा दुकानों को बुलडोजर से ढहा दिया गया। साथ ही सपा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने 3 लोगों को हॉफ एनकाउंटर में मार डाला।

आगे की योजना:
सपा का प्रतिनिधिमंडल डीआईजी और कमिश्नर से मुलाकात कर रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय में सौंपेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। पार्टी ने कहा है कि वे पीड़ित परिवारों की समस्याओं को उठाने और न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

बरेली हिंसा और प्रशासनिक कार्रवाई के बीच यह घटना प्रदेश में राजनीतिक हलचल को और तेज कर रही है।

Check Also

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में “सिंदूर घोटाला”, दूल्हा-दुल्हन हैरान—अधिकारियों की सफाई पर उठे सवाल

जिला – गाज़ीपुररिपोर्ट – विकास शर्मा गाज़ीपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने …