मढ़नी, [जिला/राज्य] – भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित मढ़नी गांव के ग्रामीणों ने निर्माणाधीन रेलवे अंडरपास के खिलाफ विरोध जताया है। वर्तमान में गांव को जिले के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग समपार फाटक है, जिसके स्थान पर रेलवे विभाग द्वारा अंडरपास का निर्माण कराया जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी इस परियोजना में भौगोलिक परिस्थितियों और ग्रामीण जीवन की वास्तविक जरूरतों को नजरअंदाज कर रहे हैं। उनका कहना है कि अंडरपास बनने के बाद गांव के लोगों की दैनिक जीवन की समस्याएँ और बढ़ जाएँगी। बड़े वाहनों के लिए अंडरपास तक पहुँचना मुश्किल हो जाएगा, जिससे खेती-किसानी और अन्य आवश्यक कार्य प्रभावित होंगे। इसके अलावा, बच्चों के स्कूल जाने में भी दिक्कतें पैदा होंगी।
ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष बरसात के मौसम में पड़ोसी मुल्क नेपाल के पहाड़ों से आने वाला पानी मढ़नी गांव में भरे पानी के कारण जनजीवन को बाधित करता है। ऐसे में, निचले क्षेत्र में बनने वाला अंडरपास भारी बाढ़ और बरसात के पानी से भरेगा और कई महीनों तक इसके उपयोग की संभावना नहीं होगी। इससे गांव का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट जाएगा।
मढ़नी गांव के लोगों ने अधिकारियों से अपील की है कि वे समपार फाटक के विकल्प और भौगोलिक परिस्थिति का अध्ययन किए बिना अंडरपास का निर्माण न करें। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अंडरपास पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह गांव की खेती, शिक्षा और रोजमर्रा की जीवन शैली के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
स्थानीय प्रशासन और रेलवे विभाग ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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