उन्नाव। कानपुर में एक युवक द्वारा “I Love Muhammad” लिखे जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब उन्नाव तक पहुँच गया है। इस प्रकरण को लेकर धार्मिक हलकों में गहरी नाराज़गी और विरोध देखा जा रहा है। कई लोग इसे धार्मिक आस्था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा मामला बताते हुए प्रशासन से दर्ज मुकदमे को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इसी कड़ी में उन्नाव के शहर क़ाज़ी मौलाना निसार अहमद मिस्बाही ने बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने साफ कहा कि “I Love Muhammad” लिखना किसी भी दृष्टिकोण से अपराध नहीं ठहराया जा सकता। यह पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है, और इसे मुकदमे का आधार बनाना न केवल गलत है बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने जैसा है।
“पैग़ंबर के प्रति प्रेम ईमान का हिस्सा” – मौलाना मिस्बाही
शहर क़ाज़ी मिस्बाही ने कहा कि हर मुसलमान के लिए पैग़ंबर मोहम्मद के प्रति मोहब्बत और इज़्ज़त ईमान का अहम हिस्सा है। युवक द्वारा किया गया यह इज़हार किसी की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं था, बल्कि उसकी निजी आस्था और मोहब्बत का प्रतीक था। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा:
“जब अन्य धर्मों के पूज्य व्यक्तित्वों के प्रति श्रद्धा या प्रेम व्यक्त करने पर कोई आपत्ति नहीं होती, तो मोहम्मद साहब के लिए ऐसा करने पर एतराज़ क्यों किया जा रहा है?”
“मुकदमा समाज में तनाव बढ़ाने वाला कदम”
क़ाज़ी मिस्बाही ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक आस्था का मुद्दा बताते हुए कहा कि मुकदमा कायम रखना समाज में तनाव फैलाने वाला कदम साबित होगा। उन्होंने जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार से अपील की कि मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द से जल्द मुकदमा खत्म किया जाए।
“नफ़रत फैलाने वालों पर सख्ती, मोहब्बत जताने वालों पर नहीं”
मौलाना मिस्बाही ने कहा कि सरकार और प्रशासन को असली नफ़रत फैलाने वालों पर सख्ती करनी चाहिए। लेकिन जो लोग मोहब्बत और सम्मान का इज़हार करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना न्याय के खिलाफ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुद्दा पूरी तरह धार्मिक आस्था और भावनाओं से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन को जल्द निर्णय लेना चाहिए।
शांति की अपील, विरोध की चेतावनी
अपने बयान में मौलाना मिस्बाही ने मुसलमानों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि माहौल को बिगाड़ने की कोशिश किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर मुकदमा वापस नहीं लिया गया, तो इस मुद्दे को लेकर प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में विरोध की आवाज़ उठेगी।
इस बयान के बाद उन्नाव समेत आसपास के जिलों के मुस्लिम संगठनों में भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज़ हो गई है। लोगों का कहना है कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत मुकदमा खत्म करना चाहिए, ताकि समाज में अनावश्यक तनाव और अशांति न फैले।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal