‘जॉली एलएलबी 3’ रिलीज हो चुकी है. अक्षय कुमार और अरशद वारसी को साथ में देखना वाकई मजेदार होने वाला है. इस फिल्म की कहानी दर्शकों को जरूर पसंद आएगी. तो चलिए जानते हैं फिल्म में क्या खास है?

Jolly LLB 3 Movie Review: (Ashwani Kumar) वो बेवकूफ हैं, कम पढ़े लिखे हैं, खुराफाती हैं, लेकिन दोनों के दोनों ईमानदार हैं- जज त्रिपाठी की ये बात ‘जॉली 1’ और ‘जॉली 2’ की बुनियाद है. सुभाष कपूर ने 8 साल बाद जब ‘जॉली एलएलबी 3’ में अरशद वारसी और अक्षय कुमार दोनों को साथ लाने की कहानी बुनी, तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि अरशद से शुरू हुई ‘जॉली एलएलबी’ की इस तीसरी कहानी में इन दोनों बेहतरीन एक्टर्स की केमिस्ट्री और कॉमेडी के साथ क्या कमजोरों को उनकी आवाज मिलेगी या नहीं? जो इस फ्रेंचाइजी की सबसे बड़ी ताकत है. 2 घंटे 37 मिनट की ‘जॉली एलएलबी 3’ की इस कहानी पर जयपुर से लेकर दिल्ली तक कानूनी नोटिस भेजे जा चुके हैं कि ये एडवोकेट्स, जज और कानून का मजाक बनाते हैं. लेकिन लॉ की किताबों में लिखे और उनके पीछे छिपी स्पिरिट यानी भावनाओं के असर में इस फर्क को बताने वाली ‘जॉली एलएलबी 3’ से अच्छी शायद कोई और मिसाल ना मिले.
क्या है ‘जॉली एलएलबी 3’ की कहानी?
कानून में आम आदमी का भरोसा, शायद इसीलिए है कि न्याय के मंदिर में अमीर और ताकतवर लोगों के खिलाफ उसकी आवाज, सिर्फ लॉ बुक्स के नियमों में नहीं, उनके पीछे जज्बे के चलते सुनी जाएगी. ‘जॉली एलएलबी’ की कहानी बीकानेर से शुरू होती है, जहां इंपीरियल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के मालिक हरिभाई खेतान- अपने बीकानेर टू बोस्टन वाले मल्टी मिलियन सपने को बसाने के लिए किसी भी कीमत पर किसानों की जमीन हथियाना चाहते हैं. इस गांव का एक किसान, पुलिस-सरकार और बिजनेसमैन के इस नेक्सस से हारकर अपनी जान दे देता है. मगर उसकी मौत, एक तूफान लाती है… जिसकी आवाज बीकानेर से दिल्ली तक सुनी जाती है. मेरठ के जगदीश त्यागी यानी जॉली-1 और कानपुर के जगदीश्वर मिश्रा, यानी जॉली-2 दिल्ली में आकर अपनी वकालत चला रहे हैं, ग्राहक तलाश रहे हैं.
फिल्म में है किसानों का दर्द और सिस्टम से उनकी लड़ाई
इस बीच जब किसान उनके पास अपनी जमीनों के छिने जाने की लड़ाई लेकर आते हैं, तो वो एक-दूसरे को ये बिना फीस वाला केस टिकाने की फिराक में रहते हैं. लेकिन राजाराम सोलंकी की विधवा जानकी, अपनी लड़ाई में जॉली 1 और जॉली 2 की बीवियों को साथ लेकर, इन दोनों जॉली को देश के सबसे बड़े और सबसे करप्ट बिजनेसमैन के सामने खड़ा कर देती है. सुभाष कपूर ने ‘जॉली एलएलबी 3’ की कहानी में शुरुआत के 10 मिनट में किसानों के दर्द और सिस्टम से उनकी लड़ाई का प्रिमाइस सेट कर दिया है. और उसके बाद कहानी को जॉली VS जॉली के ट्रैक पर ले आए हैं. दिल्ली के कोर्ट में दो एडवोकेट्स की केस हथियाने और किसी भी तरह पैसे बनाने वाले वाले कॉमिक ट्रैक के साथ- राइटर डायरेक्टर सुभाष कपूर ने किसानों की आत्महत्या, उनकी जमीनों को हथियाने की साजिश, उन्हें मिलने वाली चिंदी सब्सिडी और MSP यानी मिनिमम सेलिंग प्वाइंट जैसे सेंसिटिव मुद्दे को ऐसे समझाया है कि ‘जॉली एलएलबी 3’ एक ऐसा चैप्टर बन गया है, जिसे हिंदुस्तान के हर शख्स को पढ़ना चाहिए, ताकि वो समझ सके कि खाना- फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म से नहीं आता, बल्कि किसानों की मेहनत और जमीन से उगता है.
कहानी और डायलॉग्स में है असली दम
सबसे दिलचस्प बात ये है कि सुभाष कपूर के भाई वकील हैं और ‘ग्लास ऊंची रखें’ जैसे गाने सिर्फ फिल्म की प्रमोशन के लिए इस्तेमाल किए हैं, इन्हें फिल्म में जगह नहीं दी है. फिल्म में जो ट्रैक्स इस्तेमाल किए गए हैं, वो कहानी की इंटेंसिटी को, उसके इमोशन को और बढ़ाते हैं. राजस्थान से लेकर, दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट और ग्रेटर नोएडा के बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट रेसिंग ट्रैक को फिल्म में बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया गया है. सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और कैरेक्टर्स के लुक सबकी डिटेलिंग बेहतरीन है, लेकिन सबसे असरदार और शानदार है ‘जॉली एलएलबी 3’ की कहानी और इसके डायलॉग्स, जो तीर की तरह सीने को चीरते हुए चले जाते हैं.
कैसी है स्टार्स की एक्टिंग?
अक्षय कुमार ने जॉली 2 के किरदार में अपनी पूरी जान लगा दी है, वो कॉमेडी वाले सीक्वेंस में जमकर हंसाते हैं, कानूनी दांव-पेंच वाले सीक्वेंस में हैरान करते हैं और इमोशनल सीक्वेंस में रोंगटे खड़े कर देते हैं. 12 साल बाद जॉली के किरदार में वापस आने के बाद भी अरशद वारसी ने अपने असर को बरकरार रखा है, इस किरदार में उनका कन्फर्ट बताता है कि वो कितने कमाल एक्टर हैं. अक्षय कुमार और सौरभ शुक्ला के साथ सीक्वेंस में अरशद ने टॉप नॉच परफॉरमेंस दी है. जज त्रिपाठी के किरदार में सौरभ शुक्ला ने इस बार जॉली 1 और जॉली 2 को कहीं पीछे छोड़ दिया है, वो कॉमिक टाइमिंग में बहुत क्यूट लगे हैं और कोर्ट में ऐसे जज को देखकर आप उनके मुरीद हो जाएंगे. जानकी राजाराम सोलंकी के किरदार में सीमा बिस्वास को देखकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे. उनकी आंखें ही आपको अंदर तक भेदती चली जाती हैं और फिर गजराज राव को बिजनेसमैन खेतान बने देखकर समझ आता है कि ये वो क्या कमाल परफॉर्मर हैं. डायरेक्टर सुभाष कपूर ने अमृता राव और हुमा कुरैशी के किरदारों को इस बार और खिलने का मौका दिया है और ये दोनों एक्ट्रेसेस अपना असर दिखाती हैं. पुलिस इंस्पेक्टर चंचल चौटाला के किरदार में शिल्पा शुक्ला का अपीयरेंस बेहतरीन है.
आप कॉमेडी के शौकीन हैं, या आप लीगल ड्रामा देखना पसंद करते हैं, या फिर आप फिल्मों से दूर रहते हैं कि आजकल की फिल्मों में होता ही क्या है… हर हाल में ‘जॉली एलएलबी 3’ आपके लिए है, क्योंकि ये समाज का आईना है, जरूरी फिल्म है, जिसमें एंटरटेनमेंट भी है.
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