कन्नौज।
कानपुर नगर निगम द्वारा गौतम बुद्ध पार्क का नाम बदलकर शिवालय पार्क करने की योजना अब विवादों में घिर गई है। इस मुद्दे को लेकर युवा शाक्य संगठन ने विरोध दर्ज करते हुए छिबरामऊ तहसील में नायब तहसीलदार राम प्रकाश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
✍️ संगठन की ओर से रखी गई तीन प्रमुख मांगें
संगठन का नेतृत्व कर रहे सम्राट हर्ष शाक्य ने कहा कि यह मुद्दा केवल नाम परिवर्तन का नहीं बल्कि संविधान और सामाजिक सौहार्द की रक्षा से जुड़ा हुआ है। ज्ञापन में संगठन ने तीन प्रमुख मांगें रखीं—
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गौतम बुद्ध पार्क को शिवालय पार्क में बदलने की योजना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
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पार्क के मौजूदा स्वरूप को संरक्षित रखते हुए इसे ‘बुद्ध-अंबेडकर संस्कृति पार्क’ के रूप में और विकसित किया जाए।
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धार्मिक पर्यटन के लिए शिवालय पार्क बनाने हेतु किसी अन्य उपयुक्त स्थान का चयन किया जाए।
🌱 गौतम बुद्ध पार्क का महत्व
संगठन का कहना है कि गौतम बुद्ध पार्क केवल एक हरित क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और भगवान गौतम बुद्ध की करुणा, समानता और बंधुत्व की विचारधारा का प्रतीक है। पार्क का यह स्वरूप सामाजिक सद्भाव को मजबूत करता है और इसे बदलने का प्रयास संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है।
📢 संवेदनशील निर्णय की अपील
युवा शाक्य संगठन ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले में संवेदनशील निर्णय लें और ऐसा कदम उठाएं जिससे समाज में भाईचारा, समानता और आपसी सद्भाव बना रहे। संगठन का कहना है कि संविधान की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए इस तरह के विवादित निर्णयों से बचा जाना चाहिए।
👉 यह खबर सामाजिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीधे धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान, संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक सौहार्द से जुड़ी है।
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