महराजगंज से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक शख्स की बीमारी के कारण मौत हो गई। उसके बच्चों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए तीन दिन तक उसकी लाश घर में सड़ती रही। कहीं से मदद नहीं मिली तो मासूम बेटे ठेले पर शव रखकर नदी में प्रवाहित करने जा रहे थे, इस बीच दो मुस्लिम भाइयों ने अंतिम संस्कार कराया
महराजगंज के नौतनवा के नगर के राजेंद्रनगर वार्ड में तीन दिन तक एक अधेड़ की लाश घर में इसलिए सड़ती रही कि उसके दो मासूम बच्चों के पास अंतिम संस्कार के पैसे नहीं थे। तीन दिन तक वे पिता की सड़ती लाश के साथ रात-दिन गुजारते रहे। जब सबने मुंह फेर लिया और मदद की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं तो 14 और 10 साल के दोनों बेटों ने पिता की लाश को नदी में प्रवाहित करने का फैसला किया।
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