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23 साल में कितनी बदली दिल्ली मेट्रो: 800% महंगी हुई… 58 गुना बढ़ी आमदनी , 2002 में 8 रुपये था किराया; जानें

दिल्ली मेट्रो का किराया 2002 के 8 रुपये से बढ़कर 2025 में 64 रुपये हो गया, जबकि परिचालन आय 72 करोड़ से 4204 करोड़ रुपये पहुंची। 8.4 किमी से शुरू हुआ नेटवर्क अब 393 किमी का है, और फेज-4 के तहत 112 किमी की नई लाइनों पर काम चल रहा है।

दिसंबर 2002 से 8.4 किलोमीटर के नेटवर्क से शुरू हुआ मेट्रो का सफर अब 393 किमी का हो गया है। इन 23 वर्षों के दौरान मेट्रो का अधिकतम किराया आठ रुपये से बढ़कर 64 रुपये हो गया है। यानी 800 फीसदी की बढ़ोतरी जबकि आमदनी में 58 गुणा वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2004-5 में मेट्रो परिचालन से 72 करोड़ आए थे जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4204 करोड़ रुपये हो गए हैं। मेट्रो परिचालन में खर्च वर्ष 2004-5 में 52 करोड़ रुपये का खर्च हुआ था जबकि अब यह 3832 करोड़ रुपये हो गया है।

शुरुआती दिनों में 0–2 किमी का न्यूनतम किराया मात्र 4 रुपये था जो बढ़कर 11 रुपये हो गया है। 32 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर अब यात्री को 64 रुपये चुकाने होंगे। मेट्रो के अब 288 स्टेशन है। दिल्ली मेट्रो को दिल्ली ही नहीं बल्कि एनसीआर की भी लाइफलाइन कहा जाता है। मौजूदा समय मेट्रो में रोजाना औसतन 60 से 65 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं। बीते 8 अगस्त को एक दिन में ही अधिकतम 81.87 लाख लोगों ने मेट्रो की सवारी की। इससे पहले यह रिकॉर्ड 78.67 लाख यात्रियों का था जो 18 नवंबर 2024 को दर्ज किया गया था।

लगातार बढ़ाया जा रहा मेट्रो का दायरा
दिल्ली मेट्रो का दायरा राजधानी के साथ ही उसके आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत लगभग 112 किलोमीटर लंबाई की नई मेट्रो लाइनों पर काम चल रहा है। यह कुल लंबाई छह कॉरिडोरों में फैली हुई है, जिनमें से तीन प्रमुख कॉरिडोर (65 किमी) पहले से निर्माणाधीन हैं और बाकी तीन के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अभी फिलहाल मैजेंटा लाइन का विस्तार (जनकपुरी वेस्ट से आर.के. आश्रम मार्ग), पिंक लाइन एक्सटेंशन (मजलिस पार्क से मौजपुर) और गोल्डन लाइन (एयरोसिटी से तुगलकाबाद) निर्माणाधीन हैं। वहीं तीन कॉरिडोर रिठाला–बावना–नरेला, इंदरलोक–इंद्रप्रस्थ और लाजपत नगर–साकेत जी-ब्लॉक हैं। 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के गेट पर ही मिलेगा अनारक्षित टिकट
नई दिल्ली। अनारक्षित टिकट लेने के लिए यात्रियों को होने वाली परेशानी दूर होगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए गेट पर ही मोबाइल-अनारक्षित टिकट प्रणाली (एम-यूटीएस) सहायकों की तैनाती का निर्णय लिया है। ये लोग यात्रियों को मौके पर ही टिकट उपलब्ध कराएंगे।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना की शुरुआत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से होगी। सफलता मिलने के बाद इसे अन्य बड़े स्टेशनों पर भी लागू किया जाएगा।  एम-यूटीएस सहायक मोबाइलनुमा एक मशीन के जरिए यात्रियों का गंतव्य पूछकर वहीं पर अनारक्षित टिकट प्रिंट कर दे देंगे। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने आवेदन आमंत्रित किए हैं और अगले माह तक चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चयनित सहायकों को प्रशिक्षण देकर स्टेशन पर तैनात किया जाएगा।

पहली किराया सूची (2002 में लागू)
0–2 किमी               4
2–4 किमी               5
4–6 किमी               6
6–12 किमी             7
12 किमी से अधिक    8

छह बार बढ़ाया जा चुका किराया
पहली बढ़ोतरी      31 मार्च 2004
दूसरी बढ़ोतरी     31 दिसंबर 2005
तीसरी बढ़ोतरी     13 नवंबर 2009
चौथी बढ़ोतरी      10 मई 2017
पांचवीं बढ़ोतरी   10 अक्तूबर 2017
छठवीं बढ़ोतरी     25 अगस्त 2025

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