क्रिकेट, फुटबॉल व अन्य सभी प्रकार के खेल व अन्य माध्यम से सट्टेबाजी कराने वाले गिरोह ने म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया है। एक ऑनलाइन सट्टा एजेंसी की छानबीन में जानकारी सामने आई है कि 15 से 16 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है।
संभल में सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के माध्यम से करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला संभल पुलिस ने पकड़ा है। गिरोह बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपयों का लेनदेन कर रहा था। संभल स्थित एएसपी कार्यालय में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह कार्रवाई एक एजेंसी के खिलाफ हुई है जो फर्जी तरीके से लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रही थी।
कुछ समय पहले आयकर विभाग से 91 हजार रुपये रिकवरी का नोटिस दंपती को मिला। इसमें बताया कि मीना के खाते से 1.69 करोड़ और दीनदयाल के खाते से 1.70 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। नोटिस के मिलने के बाद दंपती ने 14 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने जांच की तो सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म एजेंसी में खातों का इस्तेमाल पाया गया। छानबीन में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें बदायूं के गांव कोठा निवासी ऋषिपाल यादव, चंदौसी के बह्म बाजार निवासी अमित वार्ष्णेय, हरियाणा के मूल निवासी व हाल चंदौसी की पंजाबी कॉलोनी निवासी इंगित कोहली, पंजाब के जिला फजिल्का निवासी पवन कुमार और नेपाल के जिला कंचनपुर निवासी पुष्कर सारकी शामिल हैं।
एसपी ने बताया कि इंगित कोहली दिल्ली में एक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म एजेंसी में ब्रांच हेड है। अमित वार्ष्णेय का साथी है और इंगित ने ही अमित से खाते उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसके बदले 20 हजार रुपये मिलते थे। इसमें ऋषिपाल और अमित 10-10 हजार रुपये बांट लिया करते थे। आरोपियों के कब्जे से विभिन्न बैंक खातों के 183 चेक, 40 बैंकों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड, 17 क्यूआर कोड स्कैनर, 5 पीओएस डिवाइस, 3 लैपटॉप, 21 मोबाइल, 20 सिम बरामद किए गए हैं।
क्रिकेट, फुटबॉल व अन्य सभी प्रकार के खेल व अन्य माध्यम से सट्टेबाजी कराने वाले गिरोह ने म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया है। एक ऑनलाइन सट्टा एजेंसी की छानबीन में जानकारी सामने आई है कि 15 से 16 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। इस तरह की 100 एजेंसियां देशभर में सट्टेबाजी करा रही हैं। इस हिसाब से एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इस गिरोह ने हड़प लिए हैं।
इंगित कोहली सट्टेबाजी की फ्रेंजाइजी में ब्रांच हेड है। यह फ्रेंजाइजी दिल्ली के शालीमार बाग में संचालित हो रही थी। इसका मालिक जय कक्कड़ और आदित्य गुप्ता हैं। इंगित कोहली ने बताया कि अमित वार्ष्णेय उसका क्लासमेट रहा है। उसने ही म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसके बाद ही वह बैंक रिकवरी एजेंट ऋषिपाल यादव से मिला और प्रति म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराने के 20 हजार रुपये दिए जाते थे।
म्यूल अकाउंट्स की बात करें तो ये वो खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं. दरअसल ठग फ़्रॉड की राशि को अपने खाते में नहीं लेते हैं, इसके लिए वो दूसरे खातों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए उस संबंधित अकाउंट होल्डर को कुछ पैसे कमीशन के तौर पर दिए जाते हैं।
पुलिस को अंदेशा है कि सट्टेबाज गिरोह ने लोगों को लालच देकर नए खाते खुलवाए और उनका इस्तेमाल किया। लोग अपने खाते को लेकर भूल गए और उन खातों का इस्तेमाल होता रहा। जब बड़ा लेनदेन हुआ तो उनको बैंक ने फ्रीज कर दिया। पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। चेक मिले हैं उनके खातेधारक और उनकी बैंक डिटेल भी पुलिस खंगालेगी। जिससे सही लेनदेन सामने आ सके। एसपी का कहना है कि जो चेक मिले हैं उसमें ज्यादातर दिल्ली व दूसरे प्रदेश के हैं। यह सभी चेक ब्लैंक हैं।
एसपी ने बताया कि यह सट्टा दुबई से ऑपरेट किया जा रहा है। इसके मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है। इस सट्टेबाजी में लोगों को गुमराह किया जाता है। पहले लाभ दिया जाता है और बाद में सारी धनराशि खत्म कर दी जाती है। ऐसे में लोग शिकायत भी नहीं कर पाते और किसी से कह भी नहीं पाते। इसका ही लाभ इस तरह के गिरोह उठा रहे हैं। लोगों को आर्थिक हानि हो रही है लेकिन लोग सतर्कता नहीं बरत रहे।
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