कानपुर देहात, पुखरायां, 05 अगस्त:
पुखरायां नगर पालिका क्षेत्र में इस वर्ष भी बरसात ने नगर पालिका की कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी है। वर्षों से चली आ रही नाला सफाई की अनदेखी और मानक के विपरीत निर्माण कार्यों की वजह से इस बार भी बारिश होते ही शहर की सड़कों पर एक फीट तक पानी भर गया। जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कों पर तालाब जैसे हालात, घरों में घुसा पानी
शहर की मुख्य सड़कें, गलियां और मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। हालत यह है कि नगर पालिका रोड के पास रहने वाले विश्वपाल सिंह के घर में भी 2 से 3 इंच तक पानी भर गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नालों की समय से सफाई न होने और घटिया निर्माण कार्यों की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। लोगों के घरों में पानी घुसने से दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
नगर पालिका पर उठते सवाल, स्वास्थ्य पर संकट
शहरवासियों का कहना है कि नगर पालिका हर साल लाखों रुपये नाला सफाई और सड़क निर्माण पर खर्च होने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। नालियां जाम हैं, गंदगी सड़कों पर बह रही है और मच्छरों का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इससे संक्रामक रोगों का खतरा भी बना हुआ है। कई इलाकों में डेंगू, मलेरिया जैसे रोगों की आशंका लोगों को सता रही है।
अधिशासी अधिकारी की सफाई, ठेकेदार पर कार्रवाई का दावा
जब इस गंभीर मुद्दे पर अधिशासी अधिकारी अजय कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने अधिक वर्षा और संकरी नालियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में एक गहरे नाले के निर्माण में मानक से हटकर कार्य की शिकायत आई थी, जिसे जे.ई. कैलाश की रिपोर्ट के आधार पर सही बताया गया था।
संवाददाता द्वारा जब इस रिपोर्ट की सत्यता और ठेकेदार पर कोई कार्रवाई न होने का प्रश्न उठाया गया तो अधिशासी अधिकारी ने जानकारी दी कि संबंधित ठेकेदार का भुगतान रोक दिया गया है। साथ ही, एक नए जूनियर इंजीनियर (जे.ई.) को जांच और सुधार कार्य के निर्देश भी दिए गए हैं।
जनता को अब भी राहत नहीं
हालांकि प्रशासन का दावा है कि जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जाएगा, लेकिन हकीकत यह है कि शहर की अधिकांश सड़कें अब भी जलमग्न हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं कीचड़ व गंदे पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं। कई दुकानों का व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक ईमानदारी से नाला सफाई और गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं होगा, तब तक हर साल इसी तरह जलभराव झेलना पड़ेगा।
जनता का फूटा गुस्सा, आंदोलन की चेतावनी
नगर के कई जागरूक नागरिकों और समाजसेवियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया तो वे नगर पालिका कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। जनता का कहना है कि उन्हें सिर्फ चुनावों के समय याद किया जाता है, बाकी समय उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
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