Gautam Adani Case Jagan Mohan Reddy Link: गौतम अडानी केस में लगे रिश्वत के आरोपों का जगन मोहन रेड्डी ने खंडन किया है। साथ ही उन्होंने अपना पक्ष भी रखा और उन्होंने इस केस में अडानी ग्रुप का रोल होने से भी साफ इनकार किया है।
YS Jagan Mohan Reddy Clarification: अडानी केस में लगे आरोपों का आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSRCP चीफ जगन मोहन रेड्डी ने खंडन किया है। साथ ही उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए केस में अडानी ग्रुप का रोल होने से इनकार किया है। अडानी मामले में आंध्र प्रदेश लिंक और उनके बयान पर कि अडानी जैसी तीसरी पार्टियां इस काम में शामिल नहीं थीं, पूर्व जगन मोहन रेड्डी कहते हैं कि वह कैसे शामिल हो सकते हैं? केस का मूल आधार यह सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) का लेटर है। क्या SECI का पत्र मेरे पास नहीं आया था? क्या SECI ने राज्य की अब तक की सबसे सस्ती बिजली 2.45 रुपये की पेशकश नहीं की थी? क्या SECI ने इंटर स्टेट ट्रांसमिशन का उल्लेख नहीं किया था। शुल्क माफी नहीं तो इनमें से कुछ भी नहीं हुआ होगा।
100 करोड़ से ज्यादा का मानहानि का दावा करूंगा
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि मामले की शुरुआत SECI से हुई है। SECI बिजली बिक्री समझौते में हस्ताक्षरकर्ता कोई और नहीं, बल्कि राज्य सरकार, डिस्कॉम और SECI हैं, इसके अलावा समझौते में कोई शामिल नहीं था। इसलिए यह राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार की समझ है, यहीं इसका अंत होता है। यहीं से कहानी शुरू होती है। यहीं कहानी समाप्त होती है। मैं इस विषय पर झूठ फैलाने के लिए मीडिया हाउसों को मानहानि का नोटिस भेजूंगा। अगर वे नोटिस का 48 घंटे के भीतर जवाब नहीं देते हैं तो कानूनी रूप से आगे बढ़ूंगा। उन पर 100 करोड़ रुपये से अधिक का दावा ठोकूंगा।
अडानी ग्रुप भी कर चुका आरोपों का खंडन
बता दें कि अडानी ग्रुप ने पहले ही आरोपों का खंडन कर दिया था। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का खंडन करते हुए अडानी ग्रुप ने आरोपों को तर्कहीन, निराधार और बेतुके बताया था। साथ ही कहा कि आरोपों में कुछ भी सत्य नहीं है। बता दें कि हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि स्विस अधिकारियों ने साल 2021 की शुरुआत में अडानी ग्रुप के खिलाफ एक केस में जांच की थी। यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के केसों की हुई थी। जांच करते हुए स्विस अधिकारियों ने स्विस बैंक खातों में जमा अडानी ग्रुप की 310 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम फ्रीज की थी। वहीं इस आरोप को अडानी ग्रुप ने समूह को बदनाम करने की साजिश बताया।