अमेरिका को फिक्र है कि यह थाईलैंड की खाड़ी में चीनी नौसेना के लिए एक नई चौकी बन सकती है। वजह, यह खाड़ी चीन के दावे वाले दक्षिण चीन सागर के नजदीक है। यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग लेन में से एक है जो चीन की मलक्का जलडमरूमध्य तक पहुंच आसान कर देगी।
चीन के जल और थल में समान तौर पर काम करने वाला जिंगांगशान और किजीगुआंग प्रशिक्षण पोत रविवार को कंबोडिया के रीम नेवल बेस के उत्तर में स्थित सिहानोकविले बंदरगाह पहुंचा। ये युद्धपोत दोनों देशों के संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के लिए यहां आए हैं। इसे लेकर अमेरिका फिक्रमंद है। 24-27 मई तक दोनों देश नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेंगे। दरअसल, रीम नेवल बेस में चीन ने एक बड़ी विस्तार परियोजना वित्त पोषित की है और इस पर अमेरिका और अन्य देश नजर रखे हुए हैं।
उन्हें फिक्र है कि यह थाईलैंड की खाड़ी में चीनी नौसेना के लिए एक नई चौकी बन सकती है। वजह, यह खाड़ी चीन के दावे वाले दक्षिण चीन सागर के नजदीक है। यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग लेन में से एक है जो चीन की मलक्का जलडमरूमध्य तक पहुंच आसान कर देगी। यह संयुक्त प्रशिक्षण दोनों देशों के बीच नियमित तौर पर होने वाले नौसैनिक अभ्यास गोल्डन ड्रैगन का हिस्सा है।