नगालैंड विधानसभा में म्यांमार की सीमा पर बाड़ लगाने और पड़ोसी देश के साथ मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को रद करने के केंद्र सरकार के फैसले खिलाफ शुक्रवार को प्रस्ताव पारित किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री नीफियो रियो ने दी। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर गुरुवार को चर्चा की गई। सदन के सभी 60 सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित करने में सहमति जताई।
एफएमआर पर चर्चा की शुरुआत नागा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायक कुझोलुजो नीनु ने की और अन्य सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। विधायकों ने चिंता व्यक्त की कि सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को निलंबित करने से नगाओं को समस्या हो सकती है। यहां तक कि कानून व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती हैं।
विधायकों ने कहा कि बाड़ लगाने का निर्णय लेने से पहले लोगों की सहमति नहीं ली गई थी। नीनु ने कहा कि 1826 में एंग्लो-बर्मा युद्ध के बाद खींची गई औपनिवेशिक सीमाएं सीमा पार आदिवासी समुदायों के बीच घनिष्ठ पारंपरिक और रिश्तेदारी के संबंधों का सम्मान करती थीं।
एफएमआर को वर्तमान भाजपा सरकार ने 2018 में सुसंगत और औपचारिक बनाया था। इसने इन सीमाओं की कृत्रिम प्रकृति को मान्यता दी और म्यांमार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों की सुविधा प्रदान की। यहां सवाल यह है कि इसे वापस क्यों लेना पड़ा।
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