करनाल के मुरादगढ़ गांव के ग्रामीणों द्वारा इंद्री अदालत के सामने करनाल-लाडवा हाईवे पर शव रखकर धरना देकर जाम लगाने के मामले में पुलिस ने 14 नामजद सहित 40-50 अन्य आदमियों व महिलाओं पर मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इंद्री थाना से उप-निरीक्षक चरण सिंह ने शिकायत में बताया कि उन्हें फोन पर सूचना मिली कि मुरादगढ़ गांव के सड़क हादसे में विरोध प्रदर्शन के दौरान गांव के लोगों ने अदालत इंद्री के सामने करनाल लाडवा हाईवे पर धरना देकर शव को सड़क पर रखा हुआ है और जाम लगाया हुआ है। जिसके वे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शव को सड़क पर रखकर ग्रामीणों ने जाम लगाया हुआ है।
उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि हाईवे जाम करना गैर-कानूनी काम है और शव को मान-सम्मान करना चाहिए, लेकिन वे लोग नहीं माने और ऊंची-ऊंची आवाज में नारेबाजी करने लगे। जिसमें सलिंद्र राजकुमार, विनोद, प्रमोद, सतीश, पंकज काम्बोज, रविन्द्र डांगी, राजू, सुनील, बलवंत, शिला मेंबर पंचायत, बलवान, रामपाल, जयनारायण, रिंकू व विशाल सहित 50 अन्य ग्रामीण शामिल थे। वहीं, ग्रामीणों ने करीब 50 मिनट तक हाईवे को जाम रखा। जिससे में आमजन को बहुत परेशानी हुई।
यह था मामला शनिवार शाम मुरादगढ़ गांव की ममता देवी मजदूरी से वापस अपने घर आ रही थी। उसी समय गांव के कुछ युवक कार में आए और महिला को टक्कर मारकर मौके से फरार हो गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई। जिसके बाद रविवार को ग्रामीणों ने एकत्रित होकर आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर शव को करनाल-लाडवा हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। करीब 50 मिनट तक हाईवे ग्रामीणों ने जाम रखा। जिसके बाद डीएसपी इंद्री के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला।
अधिकारी के अनुसार उप-निरीक्षक ने ग्रामीणों द्वारा सड़क पर शव रखकर हाईवे जाम करने के खिलाफ थाने में शिकायत दी है। उप-निरीक्षक की शिकायत पर 16 नामजद सहित 50 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है व जांच शुरू कर दी है। -राजपाल सिंह, थाना प्रभारी, इंद्री।
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