अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदलने की एक सूची चीन ने जारी की..
अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलने की चीन की चालबाजी को लेकर भारत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के इस कदम को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि किसी की इस तरह की हरकतें से वास्तविकता नहीं बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा। वहीं कांग्रेस ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा कि गलवान के बाद मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देना का नतीजा देश भुगत रहा है।
बागची ने कहा, चीन ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। वह पहले भी इस तरह के प्रयास कर चुका है। हालांकि हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है। इस तरह की हरकतें असलियत नहीं बदल पाएंगी।
बाता दें कि चीन के नागरिक मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि चीन की कैबिनेट ने दक्षिणी तिब्बत में कुछ जगहों के नाम बदले हैं। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इस रिपोर्ट को छापा। इसमें दो भूखंड, दो रिहाइशी इलाके, पांच पर्वत और दो नदियां शामिल हैं।
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ने ट्वीट कर बताया कि चीन ने तीसरी बार नाम बदलने का दुस्साहस किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले 21 अप्रैल 2017 को उसने 6 जगहों के नाम बदले थे। इसके बाद 30 दिसंबर 2021 को 15 जगहें और फिर 3 अप्रैल 2023 को 11 जगहों के नाम बदले। खड़गे ने कहा, गलवान के बाद मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा देश भुगत रहा है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी एक बयान जारी करके कहा कि पीएम मोदी ने 2020 में चीन को क्लीन चिट दी थी। आज तीन साल के बाद एक बार फिर चीन की सेना देपसांग पर भारतीय पट्रोलिंग प आपत्ति जता रही है। चीन की सेना अरुणाचल प्रदेश में यथास्थिति को मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, अरुणाचल प्रदेश के लोग देशभक्त हैं।