नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में 5G टेस्टबेड को लॉन्च किया है. पीएम ने ये टेस्टबेड उद्योगों और स्टार्टअप के लिए लॉन्च किया है. इस सुविधा का इस्तेमाल स्टार्टअप और अन्य औद्योगिक इकाईयां 5जी से जुड़ी अपनी सेवाओं के ट्रायल के लिए कर पाएंगी. उन्होंने टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ये टेस्टबेड लॉन्च किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, 2G काल में देश में हताशा, निराशा भ्रष्टाचार और पॉलिसी पैरालिसिस का समय था लेकिन देश अब वहां से निकलकर 3G से 6G तक का सफर तेजी और पारदर्शिता के साथ करने को तैयार है. 5G टेस्टबेड की यह सुविधा आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में उपलब्ध रहेगी.
5G लॉन्चिंग से कितना होगा फायदा ?
पीएम ने कहा कि 5जी से अगले 15 सालों में 450 मिलियन डॉलर का फायदा होने का अनुमान है. पीएम ने ऐलान करते हुए कहा कि सरकार इस दशक के अंत तक देश में 6जी सेवा शुरू करने के लक्ष्य पर काम कर रही है. इशारों-इशारों में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि 2014 से पहले 2जी का मतलब हताशा, निराशा और भ्रष्टाचार होता था जिसे अब उनकी सरकार ने बदल दिया है. पीएम ने इस अवसर एक डाक टिकट भी जारी किया.
जानिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का OSD किसे बनाया गया है ?
इस परियोजना से जुड़े शोधार्थियों और संस्थानों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे देश को अपना खुद से निर्मित 5जी टेस्ट बेड राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है. ये दूरसंचार क्षेत्र में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है.
क्यों जरूरी है आधुनिक कनेक्टिविटी ?
मोदी ने कहा कि 5जी के रूप में जो देश का अपना 5जी मानदंड बनाया गया है वह देश के लिए बहुत गर्व की बात है और यह देश के गांवों में 5जी प्रौद्योगिकी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी. इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा.
इलाहाबाद, फैजाबाद के बाद अब लखनऊ का बदलेगा नाम? सीएम योगी के ट्वीट से मिले संकेत
पीएम ने कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी देश की शासन में, जीवन की सुगमता में और व्यापार की सुगमता में में सकारात्मक बदलाव लाने वाली हैतथा इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसंरचना और हर क्षेत्र में प्रगति को बल मिलेगा. एक अनुमान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले डेढ़ दशकों में 5जी से भारत की अर्थव्यवस्था 450 बिलियन डॉलर का योगदान होने वाला है. इससे प्रगति और रोजगार निर्माण को गति बढ़ेगी.
आम नागरिकों के लिए कब शुरू होंगी 5G सेवाएं ?
पीएम ने कहा कि से जल्द 5जी बाजार में आए, इसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इस दशक के अंत तक 6जी सेवा आरंभ हो पाए, इसके लिए एक कार्य बल काम करना शुरु कर चुका है. इस अवसर पर दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार का इरादा इस साल के अंत तक 5जी सेवा शुरू करने का है. ट्राई की स्थापना 1997 में दूरसंचार क्षेत्र को रेगुलेट करने के लिए की गई थी.
प्रयागराज में अंतर्राज्यीय कुख्यात लुटेरा गैंग का भंडाफोड़, 5 बदमाश गिरफ्तार
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal