उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की जसवंत नगर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) संरक्षक शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी की कार्यसमिति को भंग करने का ऐलान किया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य यादव अंकुर ने इसकी जानकारी दी. फिलहाल इसे शिवपाल सिंह का बड़ा कदम माना जा रहा है. असल में शिवपाल सिंह की भारतीय जनता पार्टी के साथ निकटता बढ़ी है और जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इसके साथ ही राज्य में इस बात भी चर्चा है कि शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के नाराज विधायक और सीतापुर जेल में बंद आजम खान के साथ आ सकते हैं और राज्य में एक नया मोर्चा बन सकता है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पीएसपी नेता शिवपाल सिंह यादव के बीच दूरी बढ़ गई हैं. जिसके बाद राज्य में इस बात की चर्चा है कि शिवपाल सिंह यादव अब बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इस बात के कई बार संकेत भी मिले हैं कि उनकी बीजेपी के साथ संबंध बेहतर हो रहे हैं. पिछले दिनों ही शिवपाल सिंह यादव ने पीएम मोदी और सीएम योगी को ट्वीटर पर फॉलो किया था और उससे पहले उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विधान परिषद के चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने भी बीजेपी को बैकडोर से समर्थन दिया था. जिसके कारण समाजवादी पार्टी को इटावा और फिरोजाबाद सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.
विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाने से नाराज हैं शिवपाल
राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था और उसके बाद पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ा है. लेकिन राज्य में नेता प्रतिपक्ष को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और जसवंतनगर से पार्टी विधायक शिवपाल सिंह यादव के बीच मनमुटाव शुरू हो गए थे. क्योंकि अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया. जबकि तकनीकी तौर पर शिवपाल सिंह यादव विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक हैं.