लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के उद्देश्य से पुलिस की विवेचना में वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित साक्ष्यों को बढ़ावा दिया गया है।
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अपर मुख्य सचिव, गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा उक्त जानकारी देते हुए बताया गया किं ,लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद, मुरादाबाद, प्रयागराज, झॉसी व गोरखपुर की विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं द्वारा वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 में फरवरी मास तक की गयी जॉचों की रिपोर्ट की गहन समीक्षा की गई है। उन्होंने प्रदेश में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के क्रियाकलापों की समीक्षा कर इस दिशा में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दियेे है।
1891 जांच के मामलों का निस्तारण किया गया
समीक्षा के अनुसार उक्त जनपदों की विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में वर्ष 2020 में जहां 1891 जांच के मामलों का निस्तारण किया गया वही यह संख्या वर्ष- 2021 में 2562 थी, जो कि 35 प्रतिशत अधिक है।
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श्री अवस्थी ने बताया कि इसी प्रकार वर्ष 2022 के जनवरी मास में जांच की संख्या 2913 तथा फरवरी मास मे यह संख्या 3077 थी जो कि 2020 की अपेक्षा क्रमशः 54 एवं 63 प्रतिशत अधिक है।
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